रेलवे ट्रैक पर स्टंटबाजी
शनिवार को उज्जैन रेलवे स्टेशन पर ऐसा ही एक वाकया सामने आया। जब उत्तर प्रदेश के जौनपुर निवासी दो युवक मालगाड़ी के पास खतरनाक स्टंट करते हुए रील बना रहे थे। रेलवे सुरक्षा बल ने दोनों को मौके पर पकड़ लिया और उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की। (railway stunt)
रेलवे पुलिस प्रभारी ने बताई पूरी कहानी
आरपीएफ प्रभारी नरेंद्र यादव ने बताया कि विपिन बिंद पिता बीरबल (२०) और प्रदीप बिंद पिता राम आसरे दोनों निवासी जौनपुर उत्तर प्रदेश के रहने वाले हैं। ये उत्तर प्रदेश से ट्रेन यात्रा कर इंदौर की ओर जा रहे थे। उज्जैन स्टेशन से इन्हें ट्रेन चेंज करना थी। परंतु दोनों रेलवे ट्रैक पर खड़े होकर मालगाड़ी के सामने स्टंट करते हुए रील बना रहे थे। यह न केवल रेलवे नियमों का उल्लंघन है, बल्कि जान जोखिम में डालने वाला कदम भी है। जानकारी लगने पर दोनों को पकड़ा और पूछताछ की तो उन्होंने बताया कि वे इंस्टाग्राम पर फॉलोअर्स बढ़ाने और वायरल वीडियो बनाने के मकसद से यह कर रहे थे।
माफी की बनवाई रील और कर दी वायरल
आरपीएफ ने युवकों को सत चेतावनी देते हुए निर्देश दिया कि वे अब इस तरह खतरनाक स्थान पर रील बनाने की माफीनामे वाला वीडियो अपनी सौशल साइड पर अपलोड करें। इस वीडियो में दोनों ने कहा कि हमसे गलती हो गई। आइंदा ऐसी खतरनाक जगह रील नहीं बनाएंगे। इसके बाद इसे उनके द्वारा वायरल भी करवाया गया। प्रभारी नरेन्द्र यादव ने कहा कि हमारे लिए हर जान कीमती है। स्टेशन पर स्टंट करना खुद की और दूसरों की जान खतरे में डालना है। ऐसे मामलों में सत कार्रवाई की जाएगी।
रील बनाने के लिए बेटी की जान को डाला जोखिम में
मोबाइल में कैद होते पलों के पीछे बरती गई लापरवाही में कब जिंदगी फिसल जाए, कोई नहीं जानता। रविवार शाम 7 बजे रामघाट पर इंदौर से आए श्रद्धालु के रील बनाने के जुनून ने अपनी ही बेटी की जान जोखिम में डाल दी थी। 9 साल की बेटी रामघाट पर स्नान करने उतरी पिता उसका वीडियो बनाते रहे। इसी बीच वह गहराई में चली गई और डूबने लगी, लेकिन गनीमत की घाट पर मौजूद एसडीआरएफ जवान सुरेश सोलंकी ने उसे देख लिया और नदी में कूद तुरंत साथियों की मदद से बाहर निकाल लिया। बारिश के चलते शिप्रा का जल स्तर बड़ा हुआ है इसके बाद भी पिता ने यह लापवारवाही बरती।
परिवार आरती में हुआ था शामिल
होमगार्ड हेड कांस्टेबल ईश्वर चौधरी ने बताया कि रविवार शाम 7 बजे इंदौर निवासी अजय मिश्रा परिवार के साथ रामघाट पर पहुंचे थे। इसी दौरान शिप्रा आरती भी शुरु हो गई। श्रद्धालु और उनका परिवार आरती में शामिल हो गया। तभी अजय मिश्रा अपनी 9 साल की बेटी ज्योति को लेकर रामघाट पहुंचे और हाथ पकड़कर सीढियों पर उतारा। इसके बाद वे उसका नहाते हुए वीडियो बनाने लग गए। तभी बच्ची अचानक गहराई में चली गई और डूबने लगी। गनीमत रही कि मौके पर मौजूद एसडीआरएफ गार्ड सुरेश सोलंकी ने उसे छटपटाते हुए देखा तो भांप गए कि बच्ची डूब रही है, तुरंत नदी में कूदे और साथी गार्ड दीपक सोनी की मदद से बाहर निकाला।
यह केवल एक रेस्क्यू नहीं, बल्कि चेतावनी है
जिला कंमाडेट संतोष जाट ने कहा कि श्रावण मास में शिप्रा का जल स्तर बढ़ा हुआ है। श्रद्धालुओं की संया भी लगातार बढ़ रही है। घाट पर सुरक्षा के भी इंतजाम बढ़ाए गए हैं। टीम में 96 सदस्य शिप्रा के घाट पर 24 घंटे सेवाएं दे रहे हैं। बोट से पेट्रोलिंग हो रही है। श्रद्धालुओं को गहराई में स्नान करने से रोक रहे हैं। बावजूद इसके लोग लापरवाही बरतते हैं और गहराई में जाकर अपनी जान जोखिम में डालते हैं। रविवार शाम को भी पिता ने लापरवाही बरती 9 साल की बेटी को शिप्रा की गहराई में उतार दिया। गनीमत गार्ड्स ने समय रहते उसे बचा लिया। परंतु यह केवल एक रेस्क्यू नहीं बल्कि चेतावनी है कि श्रद्धालु शिप्रा के घाटों पर लापरवाही ना बरतें। रील या वीडियो बनाने के लिए गहराई में ना जाएं और ना ही किसी को जाने दें। सीढियों पर बैठकर और लगाए सूचना बोर्ड के अंदर रह कर ही स्नान करें। खासकर बच्चों को निगरानी में स्नान कराएं।