इनके आवेदन होंगे खारिज
कैंसर, टीबी, श्वास रोग, गुर्दा रोग या अन्य संक्रामक बीमारी से ग्रस्त लोगों के आवेदन खारिज किए जाएंगे। बिना महरम कैटेगरी में शामिल 65 साल से ऊपर की महिलाओं को महिला सहयोगी 45 से 60 साल को ले जाना अनिवार्य होगा। हालांकि 45 साल से ऊपर की महिलाएं चार सदस्यीय महिला समूह बनाकर हज यात्रा कर सकेंगी।इधर, राज्य हज कमेटी में चेयरमैन का पद रिक्त
पूर्ववर्ती सरकार के समय राज्य हज कमेटी के चेयरमैन की नियुक्ति की। हाल ही चेयरमैन का कार्यकाल खत्म होने के बाद अब तक नई नियुक्ति नहीं हुई। राजस्थान हज वेलफेयर सोसायटी के महासचिव हाजी निजामुद्दीन ने बताया कि इस कारण हज यात्रा के आवेदकों को परेशानी हो रही है। अधिशासी अधिकारी निजी कार्य के चलते कमेटी को समय नहीं दे पा रहे हैं। उन्होंने जल्द से जल्द चेयरमैन की नियुक्ति करने की मांग की।बुजुर्गों के लिए नया खर्च
1- नए नियमों के अनुसार हज पर जा रहे दंपती में महिला की उम्र 60 साल से कम है तो वह पति की सहयोगी मानी जाएगी। महिला के 62 या 63 साल के होने पर वह सहयोगी की श्रेणी में नहीं आएगी। अतिरिक्त सहयोगी की व्यवस्था करनी होगी, जिससे यात्रा का खर्च बढ़ेगा।2- 18 से कम उम्र के किशोर के आवेदन के लिए माता-पिता या कानूनी अभिभावक की अनुमति जरूरी।
3- सामान्य 40 दिवसीय हज यात्रा के अलावा अब 20 दिन की शॉर्ट टर्म हज यात्रा का विकल्प भी है। जहां सीटें सीमित व यात्रा का खर्च अधिक हो सकता है।
4- हज के लिए केवल मशीन रीडेबल पासपोर्ट ही मान्य होगा। हस्तलिखित पासपोर्ट स्वीकार नहीं किए जाएंगे। पासपोर्ट 31 दिसंबर 2026 तक वैध होना जरूरी है।
सरकार हाजियों के हज को बनाए आसान
सरकार हाजियों के हज को आसान बनाए। उदयपुर को अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा बनाए ताकि हाजियों की रवानगी यहीं से हो। वहां पहुंचने के बाद हाजियों को जो छोटी-छोटी समस्या होती है, उसका निराकरण करना चाहिए। हाजियों की खिदमत के लिए जाने वाले सरकारी नौकरीपेशा की बजाए सरकार हाजियों से फॉर्म भरवाने, ट्रेनिंग देने व रवानगी के समय तक साथ रहने वाले लोगों को भेजे, ताकि उन्हें परेशानी न हो।मोहमद अय्यूब डायर, हज ट्रेनर एवं पूर्व हज कमेटी संयोजक उदयपुर