अडाजण निवासी राजेश पटेल की शादी वर्ष 2002 में रांदेर निवासी विदिता पटेल के साथ हुई थी। वैवाहिक जीवन के दौरान उन्हें दो बेटे हैं। शादी के कुछ समय बाद से ही पति समेत ससुराल पक्ष के लोग विदिता को प्रताडि़त करते थे। यहीं नहीं पति शराब के नशे में उसकी पिटाई भी करता था। इस दौरान अन्य महिला से संबंध होने की जानकारी भी विदिता को मिलने पर उसने इसका विरोध किया था। जिससे पति शराब पीकर उसे पिटता था। आखिर प्रताड़ना से त्रस्त होकर विदिता बच्चों को लेकर पीहर रहने चली गई और कोर्ट में भरण पोषण याचिका दायर की थी। भरण पोषण चुकाने से बचने के लिए पति की ओर से काउंटर के तौर पर कोर्ट में विवाह पुन:स्थापन याचिका दायर की गई थी। सुनवाई के दौरान पत्नी की ओर से अधिवक्ता प्रीति जोशी और संदीप पटेल ने पेश होकर दलीलें पेश की। उन्होंने दलीलों में कहा कि ‘आम तौर पर कोई भी महिला अपने वैवाहिक जीवन को टूटते हुए नहीं देखना चाहती। वह ऐसा तभी सोचती है और चाहती है जब वह घरेलू हिंसा को शिकार हो रही हो।जब पति अपनी जिम्मेदारी निभाने के बजाए पत्नी के साथ खराब बर्ताव करे और उसे बुरी तरह प्रताडि़त करे तो पीहर में रहना उचित होगा। अंतिम सुनवाई के बाद कोर्ट ने अधिवक्ता जोशी की दलीलों को ध्यान में रखते हुई पति की विवाह पुन:स्थापन की याचिका रद्द कर दी।