विचारपुर से पहुंचे ऐंताझर के जंगल
वन विभाग की टीम ने बताया कि विचारपुर में हाथियों का झुंड रात करीब 10.30 बजे से आगे बढऩे के लिए सक्रिय हुआ, पहले नर्सरी के मेन गेट से चुनिया की तरफ बढ़े लेकिन ग्रामीणों ने पटाखा फोडकऱ डायवर्ट कर दिया, जिससे हाथी फिर नर्सरी में घुस गए। रात करीब 12 बजे नर्सरी की बांउड्री को तोड़ते हुए निकले और पचगांव के मझौली तिरहा से तिवारी बाबा मंदिर होकर बैगान टोला पहुंचे और यहीं से ऐंताझर के जंगल में तडक़े 3.30 बजे प्रवेश कर गए।कुछ देर के लिए आवागमन किया बंद
वन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि हाथियों के झुंड के आगे नहीं बढऩे का प्रमुख कारण है कि ग्रामीण पटाखे फोडकऱ व हल्ला गोहार कर उनका रास्ता मोड़ देते हैं। सोमवार को दो से तीन बार हाथी ऐंताझर के जंगल से निकलकर मेन रोड पर आए और सिंहपुर पथखई की ओर करीब 200 मीटर से ज्यादा आगे बढ़ गए थे, कुछ देर के लिए आवागमन भी बंद करना पड़ा, लेकिन ग्रामीणों ने आगे नहीं जाने दिया, जिससे वह जंगल में चले गए।इनका कहना
वन विभाग की टीम बीते चार दिनों से लगातार हाथियों पर अपनी नजर बनाए हुए है। हाथियों ने अभी तक किसी भी प्रकार बड़ा नुकसान नहीं किया है। हाथी दिन भर ऐंताझर के जंगल व आसपास अपना डेरा जमाए हुए हैं, क्षेत्र में मुनादी भी कराई गई है।
रामनरेश विश्वकर्मा, रेंजर शहडोल