पुलिस पूछताछ में आरोपी राजस्थान के अलवर जिला निवासी (हाल पता मानेगांव में किराए के मकान में)घनश्याम उर्फ नवीन प्रजापत(19) ने बताया कि सोनू पारासर उसके नाबालिग साथी के घर आता-जाता रहता था। कुछ दिन पहले नाबालिग ने आरोपी घनश्याम को बताया था कि उसकी कुछ अश्लील फोटो पवन पारासर के मोबाइल में है। जिसको लेकर पवन उसे परेशान कर रहा है। इसके अलावा आरोपियों को इस बात की भी जानकारी थी कि पवन के पास जेब में काफी पैसे रहते हैं। आरोपी घनश्याम एवं नाबालिग ने पवन पारासर को मारने की योजना बनाई। दोनों ने अपने साथ एक अन्य नाबालिग को भी शामिल कर लिया। पूर्व योजना के अनुसार 9 जुलाई की रात एक नाबालिग ने पवन पारासर को मानेगांव में अपने घर बुलाया और फिर तीनों आरोपियों ने पवन पर जानलेवा हमला कर दिया। चाकू से गर्दन रेतकर हत्या कर दी। आरोपियों ने सोनू के मरने तक चाकू से गर्दन, सिर व कंधे पर कई वार किए। इसके बाद शव बोरी में रखकर घर के पीछे छुपा दिया। इसके बाद आरोपियों ने जमीन में बहे खून को भी एक प्लास्टिक के बॉटल में भरा और स्कूटी, मोबाइल के साथ झाड़ी में फेंक दिया था।
आरोपी घनश्याम ने 9 जुलाई की रात ही अपने दो नाबालिग साथियों के साथ पवन पारासर की हत्या की। इसके बाद मृतक के जेब से सात हजार रुपए निकाल लिए। आरोपी घनश्याम उसी रात मृतक के घर भी गया था। दरअसल आरोपियों को यह बात पता थी कि मृतक के घर पर काफी रुपए रहते हैं और वह अकेला रहता है। मृतक की शादी नहीं हुई थी। आरोपी घनश्याम उसी रात मृतक के जेब से चाबी निकालकर उसके घर पहुंचा, लेकिन ताला न खुलने से वह वापस लौट आया। अगले दिन 10 जुलाई को मृतक के जेब में से मिले सात हजार रुपए में से मकान मालिक को किराए के पैसे भी दिए थे।
पुलिस ने बताया कि हत्यारोपी घनश्याम एवं एक नाबालिग सिवनी में इलेक्ट्रॉनिक्स की दुकान में काम करते थे। वहीं एक नाबालिग अभी पढ़ाई कर रहा था। आरोपी घनश्याम राजस्थान से रोजी-रोटी की तलाश में सिवनी तीन माह पहले ही आया था।
हत्या का खुलासा करने में डूंडासिवनी थाना प्रभारी सतीश तिवारी, कोतवाली थाना प्रभारी किशोर बामनकर सहित पुलिस के अन्य स्टॉफ मनोज जंघेला, बालकृष्ण, संजय बघेल, सुंदर श्याम तिवारी, जयेन्द्र बघेल, नितेश राजपूत, कृष्णकुमार भालेकर, धनराज वरकड़े, रघुराज यादव, विक्रम देशमुख, मिथलेश सूर्यवंशी, रवि धुर्वे, अंशुमन राजपूत, चंद्रदीप हिवारे, दयाराम शरणागत, मुकेश गोडाने, अमित रघुवंशी, अंकित देशमुख, सुधीर डेहरिया सहित अन्य का सराहनीय योगदान रहा।