23 जनवरी को रिश्वत लेते पकड़ाया था सरपंच
रतलाम जिले के जावरा विकासखंड के हरियाखेड़ा गांव के सरपंच जितेन्द्र पाटीदार को उज्जैन लोकायुक्त की टीम ने 23 जनवरी को जावरा बस स्टैंड पर 20 हजार रूपये की रिश्वत लेते हुए रंगेहाथों पकड़ा था। रिश्वतखोर सरपंच जितेन्द्र पाटीदार ने रतलाम के मोहन नगर निवासी पिंटू मुनिया से मुरम खोदने की एनओसी देने के एवज में 40 हजार रुपए की रिश्वत की मांग की थी। जिसकी शिकायत ठेकेदार पिंटू मुनिया में लोकायुक्त में की थी। 23 जनवरी को लोकायुक्त ने जाल बिछाया और ठेकेदार पिंटू मुनिया को रिश्वत की पहली किस्त 20 हजार रूपये देने के लिए सरपंच जितेन्द्र के पास भेजा था। सरपंच ने उसे जावरा बस स्टैंड पर बुलाया और जैसे ही रिश्वत की रकम ली तो लोकायुक्त ने उसे रंगेहाथों पकड़ा था।

6 साल तक अयोग्य घोषित
रिश्वत लेते वक्त रंगेहाथों पकड़ाए सरपंच जितेन्द्र पाटीदार के विरुद्ध न्यायालय जिला पंचायत में धारा 40 के तहत दर्ज प्रकरण में अनावेदक की समुचित सुनवाई की गई। सुनवाई के उपरांत प्रकरण में अनावेदक सरपंच जितेन्द्र पाटीदार को एक लोक सेवक होकर कार्य के बदले रिश्वत लेते हुए रंगेहाथ पकड़े जाकर भ्रष्टाचार में लिप्त होने का दोषी पाया जाना प्रमाणित पाया गया। इसलिए जिपं सीईओ शृंगार श्रीवास्तव ने मप्र पंचायत राज एवं ग्राम स्वराज अधिनियम 1993 की धारा 40 (1)का (ख) के तहत सरपंच पद से पृथक कर दिया है। साथ ही उसे 6 साल की अवधि के लिए अयोग्य भी घोषित किया।