कुंभलगढ़: पर्यटन के मानचित्र पर चमकता सितारा
कुंभलगढ़ किला मेवाड़ की आन-बान-शान का प्रतीक रहा है। महाराणा कुंभा द्वारा निर्मित इस किले के चारों ओर करीब 36 किलोमीटर लंबी दीवार बनी हुई है, जिसे ‘ग्रेट वॉल ऑफ इंडिया’ भी कहा जाता है। इस दीवार की विशालता चीन की ग्रेट वॉल के बाद इसे दुनिया में दूसरा स्थान दिलाती है। किले से दिखाई देने वाला हरा-भरा अरावली का विस्तार और जंगल सफारी आज भी पर्यटकों को रोमांच से भर देता है।
कुंभलगढ़ की खूबसूरती: इतिहास और प्रकृति का संगम
यहां की हरियाली, ऊंची पहाडिय़ां, घना जंगल और ऐतिहासिक वास्तुकला हर पर्यटक को मंत्रमुग्ध कर देती है। सिर्फ भारतीय ही नहीं, बल्कि विदेशी सैलानियों के बीच भी कुंभलगढ़ का क्रेज तेजी से बढ़ा है। विदेशी मेहमान यहां सिर्फ किले को देखने नहीं आते, बल्कि वे यहां की लोककला, हस्तशिल्प, पारंपरिक भोजन और आदिवासी संस्कृति से भी रूबरू होते हैं।साल-दर-साल बढ़ती सैलानियों की भीड़
वर्ष 2022 में, कुल 3,62,608 देशी और 2,133 विदेशी पर्यटक कुंभलगढ़ पहुंचे।वर्ष 2023 में, देशी पर्यटकों की संख्या बढकऱ 4,38,582 हो गई और विदेशी सैलानी 6,565 तक पहुंच गए। यानी विदेशी पर्यटकों में तीन गुना से भी अधिक वृद्धि।
वर्ष 2024 में, देशी पर्यटकों की संख्या घटकर 3,56,343 रही लेकिन विदेशी सैलानियों का आंकड़ा 6,168 रहा, जो महामारी के बाद की रिकवरी का संकेत है।
2025 के शुरुआती छह महीनों में, अब तक 1,40,568 देशी और 3,758 विदेशी पर्यटक यहां आ चुके हैं। जिससे अनुमान लगाया जा रहा है कि यह साल भी नया रिकॉर्ड बना सकता है।
