पुलिस के मुताबिक मंत्रालय में उपनिदेशक पद पर कार्यरत एक
महिला को फेसबुक पर एक मैसेज आया। इसमें सरकार की सहायता से 19 लाख 50 हजार हर महीना कमाने का दावा किया गया था। इस मैसेज में दिए लिंक को ओपन किया। इसके बाद पीड़िता ने उसमें रजिस्ट्रेशन करा लिया। इसके कुछ देर बाद उनको एक युवती ने कॉल किया और अपना नाम जारा अली खान बताया। जारा ने उन्हें बधाई देते हुए अलग-अलग शेयर कंपनियों में पैसा लगाने की जानकारी दी और कहा कि कुछ देर में कंपनी के एकाउंट ऑफिसर उनसे बात करेंगे।
उनके बताए अनुसार ही काम करना। पीड़िता सहमत हो गई। इसके कुछ देर बाद संगीता शर्मा नाम की महिला ने उन्हें कॉल किया और खुद को कंपनी का अकाउंट मैनेजर बताया। फिर उन्हें निवेश करने के लिए कहा। पीड़िता ने 19 मार्च को 2 लाख 36 हजार 023 रुपए निवेश किया। 20 मार्च को 3 लाख, 25 मार्च को 4 लाख, 27 मार्च 50 हजार, 2 अप्रैल को 4 लाख 52 हजार। इस तरह 19 मार्च से 23 मई तक साइबर ठगों ने पीड़िता से फोन और आरटीजीएस के माध्यम से कुल 89 लाख 67 हजार 855 रुपए जमा करा लिए।
क्या है फिशिंग: साइबर क्राइम में फिशिंग का इस्तेमाल बहुत होता है। साइबर ठग किसी को ऑनलाइन ठगने के लिए अक्सर तरीके का इस्तेमाल करते हैं। एक लिंक भेजकर उन्हें जोड़ते हैं। फिर निवेश में भारी मुनाफा कमाने का लालच देते हैं और भारी राशि निवेश कराकर ठगते हैं।
जुलाई में मिलना था मुनाफा आरोपियों ने साजिश के तहत पीडिता से मई तक पूरी राशि जमा कराई। फिर उन्हें आश्वास्त किया गया कि जुलाई तक जमा राशि की दोगुनी राशि वापस मिलेगी। पीड़िता ने इस राशि के संबंध में पूछताछ की, तो उनसे और पैसे जमा करने के लिए कहा गया। आरोपी विग्नेश कुमार ने उन्हें फोन करके रकम जमा करने के लिए कहा। इससे उन्हें शक हुआ। इसकी शिकायत राखी थाने में की गई। राखी पुलिस ने अज्ञात साइबर ठगों के खिलाफ मामला दर्ज कर विवेचना में लिया है।