ढाका/नई दिल्ली. बांग्लादेश की मोहम्मद यूनुस सरकार ने ढाका में महान फिल्मकार सत्यजीत रे का पैतृक मकान ध्वस्त कर दिया। यह संपत्ति बांग्लादेश सरकार के स्वामित्व में थी। भारत ने बांग्लादेश से मकान ध्वस्त करने के फैसले पर पुनर्विचार की अपील की थी। भारतीय विदेश मंत्रालय ने इसे म्यूजियम में बदलने के लिए मदद की भी पेशकश की थी। मकान करीब 100 साल पुराना था। इसे सत्यजीत रे के दादा प्रख्यात साहित्यकार उपेंद्र किशोर रे चौधरी ने बनवाया था। बताया जा रहा है कि पिछले 10 साल से इस मकान में किसी का आना-जाना नहीं था। यह नशेडिय़ों का ठिकाना बन गया था। जिला बाल मामलों के अधिकारी मोहम्मद मेहदी जमान का कहना है कि मकान काफी जीर्ण-शीर्ण हो चुका था। पहले इसमें मैमनसिंह शिशु अकादमी थी। मकान जर्जर होने से उसे बंद करना पड़ा था। अकादमी दोबारा शुरू करने के लिए पुराने भवन की जगह कई कमरों वाली नई इमारत बनाई जाएगी। भाजपा आइटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने एक्स पर ध्वस्त हुए मकान का वीडियो शेयर किया है। इसमें श्रमिकों के इसकी दीवारों को तोड़ते दिखाया गया। मालवीय ने पोस्ट में लिखा, बंगाली विरासत को एक और झटका। यह सिर्फ पुरानी संरचना का विनाश नहीं, बल्कि एक इतिहास का सफाया है।
बंगाल की विरासत पर चोट : ममता पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सत्यजीत रे का पैतृक मकान ध्वस्त करने पर दुख जताया है। उन्होंने इसे बंगाल की सांस्कृतिक विरासत पर चोट बताते हुए कहा, मैंने बांग्लादेश और भारत सरकार से इस ऐतिहासिक स्थल के संरक्षण के लिए कदम उठाने का आह्वान किया था।
Hindi News / New Delhi / भारत की अपील के बाद भी बांग्लादेश में सत्यजीर रे का पैतृक मकान ध्वस्त