कौन है यह रूसी महिला
महिला की पहचान विक्टोरिया के रूप में हुई है जिसकी एक चीनी कंपनी में काम करते हुए भारत के सैकत बसु से मुलाकात हुई थी। इसके बाद दोनों ने साल 2017 में शादी कर ली और जिसके बाद 2019 में वह भारत आई और 2020 में दोनों को एक बेटा हुआ। लेकिन कुछ ही समय बाद दोनों के बीच अनबन होने लगी जिसके चलते उन्होंने अलग होने का फैसला लिया। फिलहाल दिल्ली के एक फैमिली कोर्ट में दोनों के तलाक का केस चल रहा है। विक्टोरिया X-1 वीज़ा पर भारत आई थीं, जिसकी बाद में समय सीमा खत्म हो गई थी, लेकिन चूंकि अदालत में उसके बच्चे की कस्टडी का मामला चल रहा था इसलिए कोर्ट ने वीजा की समय सीमा बढ़ाने के निर्देश दिए थे।
कैसे गायब हुई महिला
सैकत बसु के मुताबिक, उनके और विक्टोरिया के पास बच्चे की ज्वाइंट कस्टडी थी जिसके अनुसार बेटा हफ्ते में तीन दिन अपनी मां के साथ रहता था और बाकी दिन पिता के साथ। इसी व्यवस्था के अनुसार, जब 22 मई के दौरान बच्चा मां के पास था तो वह अचानक गायब हो गई। इसके बाद न महिला अपने घर पर दिखी और न ही उसका फोन लग रहा है। सैकत के अनुसार, 7 जुलाई के बाद से उसे अपने बच्चे की कोई जानकारी नहीं है। साथ ही सैकत ने कोर्ट को यह भी बताया था कि उसे शक है कि विक्टोरिया का रूसी दूतावास के एक अधिकारी के साथ अफेयर चल रहा है। उसका आरोप है कि 4 जुलाई को विक्टोरिया को रूसी दूतावास में पिछले दरवाजे से घुसते हुए देखा गया था।
केंद्र ने कोर्ट को बताया अपने देश पहुंच गई विक्टोरिया
पति की शिकायत पर जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस जॉयमाल्या बागची की बेंच ने 17 जुलाई को केंद्र को विक्टोरिया का पासपोर्ट जब्त करने के आदेश दिए थे। साथ ही दिल्ली पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों को तुरंत विक्टोरिया और उसके बच्चे का पता लगाने को भी कहा था। केंद्र ने इस मामले पर तुरंत कार्रवाई करते हुए महिला का पता लगाने का प्रयास शुरु किया जिसके बाद यह सामने आया कि महिला पहले ही अपने बच्चे के साथ देश छोड़ कर जा चुकी है। केंद्र सरकार ने सोमवार को सुप्रीम कोर्ट को बताया कि विक्टोरिया नेपाल सीमा के रास्ते देश छोड़कर चली गई है और वह शारजाह के रास्ते होते हुए अपने देश रूस पहुंच गई है। साथ ही यह भी बताया कि विक्टोरिया अपने नाबालिग बच्चे को भी अपने साथ ले गई है।
कोर्ट ने इसे बताया अदालत की अवमानना
कोर्ट ने केंद्र के इस जवाब को अस्वीकार्य बताते हुए इसे अदालत की घोर अवमानना बताया है। कोर्ट ने कहा, उसका पासपोर्ट जब्त हो गया है, तो वह दूसरा डुप्लीकेट पासपोर्ट कैसे बनवा सकती है। साथ ही कोर्ट ने यह भी कहा कि, यह सब रूसी दूतावास के अधिकारियों की मदद के बिना संभव नहीं है। उन्होंने आगे कहा कि, यह अदालत की घोर अवमानना है और पूरी तरह से अस्वीकार्य है। अदालत ने कहा है कि वे इस मामले में कड़ा आदेश पारित करेंगे और रेड कॉर्नर नोटिस जारी करने का निर्देश देंगे, जिसके बाद संबंधित अधिकारियों को कार्रवाई करनी होगी।
कैसे पता चला कि देश छोड़ गई विक्टोरिया
केंद्र सरकार और दिल्ली पुलिस की ओर से पेश हुईं अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल ऐश्वर्या भाटी ने बताया कि विदेश मंत्रालय और पुलिस अधिकारी भारतीय दूतावास के अधिकारियों के संपर्क में हैं। भाटी ने बताया कि, यह जानकारी ईमेल के आईपी एड्रेस के ज़रिए सामने आई है कि विक्टोरिया बच्चे के साथ बिहार के रास्ते नेपाल गई, और फिर वहां से उसने शारजाह के लिए उड़ान भरी जहां से वह रूस चली गई। भाटी ने आगे कहा कि, फिलहाल मामले की जांच की जा रही है और स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने से पहले कुछ जरूरी बातों का पता लगाया जाएगा।
एक हफ्ते के अंदर रिपोर्ट पेश करेगी दिल्ली पुलिस
कोर्ट ने दिल्ली पुलिस को एक हफ्ते के अंदर अंदर इस मामले पर विस्तृत स्टेटस रिपोर्ट पेश करने के आदेश दिए है। बता दे कि, दिल्ली पुलिस ने 18 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट में दावा किया था कि विक्टोरिया ने अभी देश नहीं छोड़ा है, कम से कम कानूनी रास्ते से तो नहीं।