पत्नी की मौत का सदमा नहीं हुआ बर्दाश्त
मृतकों के परिजनों ने कहा कि दंपति फतेहाबाद की अग्रवाल कॉलोनी में रहते थे। करीब 25 साल पहले राजकुमार की ममता से शादी हुई थी। दोनों के दो बेटे भी हैं। मृतक के भाई शिवकुमार ने कहा कि राजकुमार पिता के निधन के बाद साल 1999 में उनकी जगह नौकरी पर लगे थे। भाभी ममता लंबे समय से लिवर संबंधी बीमारी से जूझ रही थीं। उनका लिवर डैमेज हो गया था। भाभी की बीमारी के बाद से भाई ड्यूटी पर बेहद ही कम जाते थे। 16 जुलाई की रात को करीब 9 बजे ममता का निधन हो गया। यह जानकारी जैसे ही रामकुमार को मिली, तो मात्र 30 मिनट में ही उन्होंने भी दम तोड़ दिया। उन्हें अस्पताल ले जाया गया था, लेकिन डॉक्टर ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
एक साथ दोनों बच्चे हो गए अनाथ
डॉक्टरों ने कहा कि पति राजकुमार को पत्नी ममता की मौत की खबर सुनकर सदमा लगा था। इससे उनका हार्ट फेल हो गया। महिला हाउस वाइफ थी, जबकि उसके पति बिजली विभाग में लोअर डिवीजन क्लर्क के पद पर कार्यरत थे। शिव कुमार ने कहा कि उनके भाई और उसकी पत्नी दोनों में बड़ा प्रेम था। जब भाभी की मौत हुई तो किसी बच्चे ने जाकर उन्हें इस बारे में बता दिया। मौत की खबर सुनते ही वह स्तब्ध हो गए। उन्हें सदमा बैठ गया। जब उन्हें डॉक्टर के पास ले गए तो पता चला कि उनका हार्ट फेल हो गया था। उनके दो लड़के हैं, जो पढ़ रहे हैं। एक 20 साल का है और दूसरा 18 साल का। दोनों एक साथ अनाथ हो गए।