मंत्री का कार्यक्रम भले कुछ पल के लिए रुका हो, लेकिन इस घटना ने ऊर्जा विभाग के अधिकारियों की कुशलता और तैयारी पर सवाल खड़े कर दिए। गुस्साए मंत्री ने मौके पर ही बिजली विभाग के पांच वरिष्ठ अधिकारियों को सस्पेंड कर दिया और अधिकारियों को कड़ी चेतावनी भी दी कि भविष्य में ऐसी गलती दोहराई गई तो और भी सख्त कार्रवाई की जाएगी।
कैसे हुआ घटनाक्रम?
मुरादाबाद नगर निगम द्वारा कंपनी बाग में बनाए गए 5D मोशन थिएटर का उद्घाटन करने के लिए ऊर्जा मंत्री रविवार शाम को पहुंचे थे। इससे पहले दिनभर मंत्री की अलग-अलग बैठकों और कार्यक्रमों की शृंखला जारी रही। उन्होंने कांठ रोड पर 30 फीट ऊंची ऊर्जा शिव प्रतिमा का अनावरण भी किया। जब मंत्री कंपनी बाग में रिबन काटने के लिए आगे बढ़े, तभी बिजली कट गई। मंत्री कैंची हाथ में लिए अंधेरे में खड़े रह गए। यह दृश्य वहां मौजूद हर किसी के लिए असहज कर देने वाला था। कुछ लोगों ने मौके पर ही राज्य की बिजली व्यवस्था पर तंज कसना शुरू कर दिया। इससे मंत्री का गुस्सा और भी भड़क उठा।
मंत्री का फूटा गुस्सा, मौके पर ही दिए सस्पेंशन के आदेश
लाइट कटने के बाद मंत्री ने तुरंत बिजली विभाग के अधिकारियों से जवाब-तलबी शुरू कर दी। कार्यक्रम स्थल पर मौजूद पश्चिमांचल विद्युत वितरण निगम (PVVNL) की प्रबंध निदेशक ईशा दुहन को उन्होंने निर्देश दिए कि जिम्मेदार अधिकारियों पर तत्काल कार्रवाई की जाए। इसके बाद मंत्री के आदेश पर पांच अधिकारियों चीफ इंजीनियर ए.के. सिंघल, अधीक्षण अभियंता सुनील अग्रवाल, अधिशासी अभियंता प्रिंस गौतम, एसडीओ राणा प्रताप, जेई ललित कुमार को निलंबित कर दिया गया। मंत्री ने यह भी दोहराया कि अगली बार कोई लापरवाही सामने आई तो कार्रवाई और भी कड़ी होगी।
पहले से थी तैयारी, फिर भी हुआ फेल सिस्टम
सूत्रों के अनुसार, चूंकि मंत्री का दौरा निर्धारित था, इसलिए बिजली विभाग ने पहले से ही पूरी तैयारियां की थीं। कार्यक्रम स्थलों पर टीमें तैनात थीं और बिजली आपूर्ति की मॉनिटरिंग की जा रही थी। फिर भी, 5D मोशन थिएटर स्थल पर तकनीकी खामी के चलते बिजली चली गई, जिसे ठीक होने में 10 मिनट लग गए। इसी अवधि में मंत्री का मूड खराब हो चुका था।
पहले से ही चल रही थी विभाग की शिकायतें
जानकारी के अनुसार, दोपहर में हुई समीक्षा बैठक में भी बिजली विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल उठे थे। कई जनप्रतिनिधियों और अन्य विभागीय अधिकारियों ने मंत्री से शिकायत की थी कि बिजली विभाग के अधिकारी फोन नहीं उठाते, शिकायतों पर ध्यान नहीं देते और अक्सर जनता की समस्याएं अनसुनी कर दी जाती हैं। ये बातें पहले से ही मंत्री के गुस्से की वजह बन रही थीं और रात की घटना ने उस गुस्से को ज्वालामुखी में बदल दिया।