UP Panchayat Election 2025: आज से शुरू हुआ वार्ड परिसीमन, 504 ग्राम पंचायतें हुईं कम, 10 अगस्त तक जारी होगी अंतिम सूची
Panchayat Chunav: उत्तर प्रदेश में पंचायती राज चुनाव की तैयारियां तेज हो गई हैं। प्रदेश सरकार ने वार्डों के नए परिसीमन की प्रक्रिया सोमवार, 18 जुलाई से शुरू कर दी है। इस बार राज्य में 504 ग्राम पंचायतें घट गई हैं, जिसके चलते वार्डों का पुनर्गठन आवश्यक हो गया है। 22 जुलाई तक यह प्रक्रिया चलेगी।
UP Panchayat Election: उत्तर प्रदेश में पंचायत चुनाव की उल्टी गिनती शुरू हो चुकी है। पंचायती राज विभाग ने वार्ड परिसीमन की प्रक्रिया 18 जुलाई से शुरू कर दी है, जो 22 जुलाई तक चलेगी। इस बार प्रदेश में ग्राम पंचायतों की संख्या में भी परिवर्तन हुआ है, जिसके अनुसार 504 ग्राम पंचायतें कम हो गई हैं। इसके चलते पंचायत क्षेत्रों में वार्डों का नए सिरे से पुनर्गठन किया जा रहा है। इस बार ग्राम पंचायतों की कुल संख्या घटकर 57,963 रह गई है। पहले यह संख्या 58,467 थी। ग्राम पंचायतों के विलय और पुनर्गठन के कारण यह बदलाव हुआ है। इसका सीधा असर पंचायत चुनाव में भाग लेने वाले मतदाताओं, वार्डों की संख्या और उनके स्वरूप पर पड़ेगा।
18 जुलाई से 22 जुलाई: ग्राम पंचायतों में वार्डों का परिसीमन और प्रस्ताव तैयार करने की प्रक्रिया चलेगी।
23 जुलाई से 28 जुलाई: पंचायत सचिवों द्वारा परिसीमन के प्रस्ताव की सूची तैयार की जाएगी।
29 जुलाई से 5 अगस्त: वार्डों की प्रारंभिक सूची पर आपत्तियां दर्ज की जा सकेंगी।
6 अगस्त से 10 अगस्त: आपत्तियों का निस्तारण करके वार्डों की अंतिम सूची जारी की जाएगी।
इस पूरी प्रक्रिया को ग्राम पंचायतों, क्षेत्र पंचायतों और जिला पंचायतों के स्तर पर लागू किया जाएगा। इससे मतदाताओं को सही तरीके से मतदान का अधिकार और प्रतिनिधित्व सुनिश्चित हो सकेगा।
परिसीमन क्यों जरूरी है
ग्राम पंचायतों में जनसंख्या, भौगोलिक स्थिति, विकास स्तर, और विलय जैसी प्रक्रियाएं नियमित रूप से होती रहती हैं। इसके चलते कई बार एक वार्ड की जनसंख्या बढ़ जाती है, जबकि दूसरे की घट जाती है। यह असंतुलन मतदान प्रक्रिया को प्रभावित करता है और प्रतिनिधित्व के सिद्धांत के खिलाफ होता है। परिसीमन की इस प्रक्रिया का उद्देश्य यह है कि प्रत्येक ग्राम पंचायत में समुचित वार्ड बनाए जाएं ताकि जनसंख्या के अनुसार समान प्रतिनिधित्व मिल सके। साथ ही नए बने या विलय किए गए क्षेत्रों को पंचायत प्रणाली में सही ढंग से समायोजित किया जा सके।
504 पंचायतों में क्यों हुई कमी
ग्राम पंचायतों की संख्या में आई कमी का मुख्य कारण प्रशासनिक पुनर्गठन है। कई छोटी ग्राम पंचायतों को मिलाकर बड़ी पंचायतें बनाई गई हैं ताकि प्रशासनिक खर्चों में कटौती हो और योजनाओं का क्रियान्वयन अधिक प्रभावी ढंग से किया जा सके। सरकार का मानना है कि इससे पंचायतों की दक्षता और विकास कार्यों की रफ्तार बढ़ेगी।
स्थानीय ग्रामीण मतदाता
उन्हें नए वार्डों की जानकारी प्राप्त करनी होगी।
मतदान स्थल, वार्ड प्रतिनिधि और संख्या में परिवर्तन हो सकता है।
पंचायत प्रतिनिधि: पूर्व निर्वाचित सदस्य जिनके वार्डों का स्वरूप बदलेगा, उन्हें नए क्षेत्र में चुनाव लड़ना पड़ सकता है। संभावित उम्मीदवारों को नए परिसीमन के अनुसार रणनीति बनानी होगी।
राजनीतिक दल: ग्राम पंचायतों में बदलाव के चलते सीटों का समीकरण बदल सकता है, जिससे चुनावी रणनीति को नए सिरे से तैयार करना होगा।
सरकारी दिशा निर्देश और निगरानी
पंचायती राज विभाग ने सभी जिला अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि परिसीमन की प्रक्रिया पारदर्शी, निष्पक्ष और जनहितकारी होनी चाहिए। कहीं भी भेदभाव, पक्षपात या दबाव की शिकायत पर तुरंत जांच कर कार्रवाई की जाएगी। इसके लिए हर जिले में कंट्रोल रूम स्थापित किए जाएंगे, जहां लोग अपनी आपत्तियां और शिकायतें दर्ज करा सकेंगे। सभी आपत्तियों का रिकॉर्ड ऑनलाइन भी रखा जाएगा ताकि पारदर्शिता बनी रहे।
क्या कहते हैं अधिकारी पंचायती राज निदेशक डॉ. हरिओम ने बताया कि “परिसीमन की प्रक्रिया पूरी तरह से नियमों के अनुसार चलाई जा रही है। हमने सभी जिलाधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि जनसंख्या, भौगोलिक स्थिति और विकास के मानकों के आधार पर ही वार्डों का पुनर्गठन किया जाए।”
मतदाताओं को क्या करना चाहिए
अपने ग्राम पंचायत के सचिव या प्रधान से संपर्क कर नए वार्डों की स्थिति के बारे में जानकारी प्राप्त करें।
29 जुलाई से पहले वार्ड की प्रारंभिक सूची को अवश्य देखें।
यदि वार्ड सीमा या संख्या को लेकर कोई आपत्ति है, तो 5 अगस्त तक लिखित शिकायत दर्ज कराएं।
अंतिम सूची 10 अगस्त को जारी होने के बाद उससे जुड़ी जानकारी संभाल कर रखें।
क्या इससे चुनाव की तारीख प्रभावित होगी
फिलहाल परिसीमन की प्रक्रिया को देखकर अनुमान लगाया जा रहा है कि पंचायत चुनाव की अधिसूचना सितंबर या अक्टूबर तक जारी हो सकती है। परिसीमन के बाद मतदाता सूची का पुनरीक्षण और आरक्षण प्रक्रिया शुरू होगी। इसके पश्चात ही नामांकन, चुनाव प्रचार और मतदान की तिथियां घोषित होंगी।
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