इस याचिका पर सुनवाई 21 जुलाई को जस्टिस समीर जैन की अध्यक्षता में होगी। उसी दिन अजमेर कोर्ट ने भी उन्हें पेश होने के लिए तलब किया है।
एक वीडियो के कारण हुआ विवाद
बता दें, यह विवाद एक वीडियो के कारण उत्पन्न हुआ, जिसका शीर्षक ‘IAS vs Judge: कौन ज्यादा ताकतवर’ है। इस वीडियो में विकास दिव्यकीर्ति पर कथित तौर पर न्यायपालिका और इसकी कार्यप्रणाली के बारे में व्यंग्यात्मक टिप्पणियां करने का आरोप है। अजमेर के वकील कमलेश मंडोलिया ने इस वीडियो को आधार बनाकर स्थानीय अदालत में मानहानि की शिकायत दर्ज की थी। शिकायतकर्ता का दावा है कि वीडियो में की गई टिप्पणियों से न्यायपालिका का अपमान हुआ और इसकी गरिमा को ठेस पहुंची। अजमेर कोर्ट ने शिकायत को गंभीरता से लेते हुए भारतीय दंड संहिता (बीएनएस), 2023 की धारा 356(1)(2)(3)(4) और आईटी अधिनियम की धारा 66ए(बी) के तहत मामला दर्ज करने का आदेश दिया। कोर्ट ने कहा कि वीडियो में न्यायपालिका का उपहास किया गया, जिससे इसकी निष्पक्षता, प्रतिष्ठा और विश्वसनीयता को नुकसान पहुंचा।
कोर्ट ने यह भी उल्लेख किया कि ऐसी टिप्पणियों से जनता में न्यायपालिका के प्रति अविश्वास और भ्रम पैदा होने की संभावना है। इस आधार पर विकास दिव्यकीर्ति को 22 जुलाई को कोर्ट में पेश होने का निर्देश दिया गया है।
उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया
दिव्यकीर्ति की ओर से उनके वकील सुमीर सोढ़ी ने अजमेर कोर्ट में तर्क दिया कि यह मामला मानहानि की श्रेणी में नहीं आता और इसे खारिज किया जाना चाहिए। हालांकि, स्थानीय अदालत ने शिकायत को स्वीकार करते हुए आपराधिक रजिस्टर में दर्ज करने का आदेश दिया। इस फैसले के खिलाफ विकास दिव्यकीर्ति ने उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है, जहां वे इस मामले को रद्द करने की मांग कर रहे हैं। बता दें, यह मामला सोशल मीडिया पर भी चर्चा का विषय बन गया है, क्योंकि विकास दिव्यकीर्ति एक लोकप्रिय शिक्षक हैं।