scriptGood News: राजस्थान के इन कस्बों का होगा कायाकल्प, देंगे बड़े शहरों को टक्कर; जानिए सरकार का प्लान | Minister Jhabar Singh Kharra says Rajasthan govt is in the process of carry out feasibility studies for satellite towns | Patrika News
जयपुर

Good News: राजस्थान के इन कस्बों का होगा कायाकल्प, देंगे बड़े शहरों को टक्कर; जानिए सरकार का प्लान

Satellite Town: जयपुर के आसपास बसे कस्बों को सैटेलाइट टाउन विकसित करने की दिशा में राजस्थान सरकार ने काम शुरू कर दिया है। जानिए योजना के मूर्त लेने के बाद लोगों को क्या लाभ मिलेगा।

जयपुरJul 18, 2025 / 05:08 pm

Santosh Trivedi

cm bhajan lal sharma

Photo- Social media

जयपुर। राजस्थान की राजधानी जयपुर के आसपास बसे कस्बों को सैटेलाइट टाउन विकसित करने की दिशा में राजस्थान सरकार ने काम शुरू कर दिया है। अगर ये योजना मूर्त रूप लेती है तो जयपुर से दबाव कम होगा।
नगरीय विकास मंत्री झाबर सिंह खर्रा ने बताया कि बजट घोषणा के अनुरूप राज्य सरकार ने इसकी फिजिबिलिटी स्टडी की प्रक्रिया प्रारंभ कर दी है। खर्रा ने कहा कि हम जयपुर शहर के आसपास सैटेलाइट टाउन बनाने के लिए एक बहुराष्ट्रीय कंपनी के साथ बातचीत कर रहे हैं। हमें उम्मीद है कि अगले कुछ महीनों में इसकी फिजिबिलिटी पूरी हो जाएगी।
यूडीएच विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों का कहना है कि गुजरात इंटरनेशनल फाइनेंस टेक-सिटी (गिफ्ट सिटी) और हैदराबाद सूचना प्रौद्योगिकी और इंजीनियरिंग कंसल्टेंसी सिटी (एचआईटीईसी) की तर्ज पर सैटेलाइट टाउन विकसित करना चाहती है। सरकार ने बस्सी, बगरू, चौमूं, चाकसू, जोबनेर और कोटपूतली जैसे कस्बों को सैटेलाइट सिटी के रूप में विकसित करने का खाका तैयार किया है।
झाबर सिंह खर्रा ने कहा कि एक बार सैटेलाइट टाउनशिप के लिए स्थान और योजना पर निर्णय हो जाए तो ऐसे शहरों के लिए परिवहन संपर्क का विश्लेषण करने के लिए नई फिजिबिलिटी स्टडी तैयार की जाएगी। प्रस्तावित कस्बों को मेट्रो से जोड़ने की भी योजना है।
jhabar singh kharra

सैटेलाइट टाउन क्यों हैं जरूरी?

भजनलाल सरकार ने अपने पहले बजट 2024-25 में सैटेलाइट टाउनशिप बनाने की घोषणा की थी। प्रदेश के जयपुर जैसे बड़े शहरों पर आबादी का बोझ कम करने के लिए सैटेलाइट टाउन का प्लान तैयार हुआ है, ताकि मुख्य शहर पर दबाव कम हो और सुव्यवस्थित विकास हो सके। सैटेलाइट टाउन बनने से स्थानीय लोगों को नौकरी, स्वास्थ्य, शिक्षा, परिवहन, बड़े पार्क, शॉपिंग सेंटर, मॉल्स व अन्य खास सुविधा वहीं मिलेगी, जिससे उनको शहरों की तरफ मुंह नहीं ताकना पड़ेगा।
Sikar satellite town
अब जयपुर के ज्यादा आबादी वाले इलाकों से परिवार आउटर जयपुर की ओर शिफ्ट हो रहे हैं। ऐसे में यदि सैटेलाइट टाउन पूरी तरह से विकसित हो जाएं और उनकी जयपुर से कनेक्टिविटी बेहतर हो जाए तो लोग रहने और आर्थिक गतिविधियों के लिए इन कस्बों को प्राथमिकता देंगे। क्योंकि जयपुर की तुलना में कस्बों में प्रोपर्टी के दाम भी अभी कम हैं।

भविष्य में राजस्थान के ये कस्बे बन सकते हैं सैटेलाइट टाउन

भविष्य में राजस्थान के बस्सी, बगरू, चौमूं, चाकसू, जोबनेर, कोटपुतली, दूदू, जोबनेर, फुलेरा, रींगस, श्रीमाधोपुर, खाटूश्यामजी, पीपाड़ शहर, बिलाड़ा, सोजत, बालेसर साटन, पुष्कर, किशनगढ़, कैथून, केशोरायपाटन, कुम्हेर, नगर, शाहपुरा, सांचौर, निवाई, नवलगढ़, नदबई, बांदीकुई आदि सैटेलाइट टाउन बनाए जा सकते हैं। हालांकि इसमें बदलाव भी संभव है।

सैटेलाइट टाउन में क्या-क्या सुविधा मिलेगी

satellite town
Photo- Ai
24×7 पेयजल आपूर्ति: लोगों को चौबीस घंटे शुद्ध पेयजल की आपूर्ति सुनिश्चित की जाएगी।

ड्रेनेज, सीवरेज: हर घर तक सीवरेज सुविधा के साथ औद्योगिक व कृषि उपयोग के लिए परिशोधित (ट्रीटेड) पानी की उपलब्धता कराई जाएगी।
जीरो वेस्ट लक्ष्य: ठोस कचरा प्रबंधन को प्रभावी तरीके से लागू करते हुए शहर को जीरो वेस्ट मॉडल की ओर अग्रसर किया जाएगा।

मनोरंजन, पर्यटन और चिकित्सा: शहर की विरासत को सहेजने के साथ-साथ मनोरंजन, पर्यटन, शॉपिंग सेंटर्स, मॉल, चिकित्सा और सौन्दर्यीकरण की सुविधाओं का विस्तार किया जाएगा।
सौर ऊर्जा व ई-व्हीकल्स: स्ट्रीट लाइट्स में सौर ऊर्जा को प्राथमिकता दी जाएगी और इलेक्ट्रिक वाहनों के चार्जिंग स्टेशन विकसित किए जाएंगे।

यातायात व्यवस्था में सुधार: ट्रैफिक जाम से मुक्ति दिलाने के लिए सड़कों की री-मॉडलिंग की जाएगी और पर्याप्त पार्किंग स्थलों का निर्माण होगा। इन कस्बों को भविष्य में मेट्रो से भी जोड़ने की योजना है।

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