बता दें कि राजस्थान पत्रिका ने 15 जुलाई को जहां ‘मौन’ है पीड़ा, वहां ‘बहरे’ हैं अफसर शीर्षक से प्रमुखता से खबर प्रकाशित की थी। इसमें महिला विंग में हुई दो मौतें गृह परिसर में और एक मौत अस्पताल में होना बताया गया था। साथ ही विंग में व्याप्त लापरवाही भी उजागर की गई थी। इसके बाद विभागीय अधिकारी सक्रिय हुए।
निदेशालय विशेष योग्यजन के निदेशक और विशिष्ट शासन सचिव केसरलाल मीणा ने तीन संयुक्त निदेशक, एक उप निदेशक और एक सहायक निदेशक स्तर के अधिकारियों की पांच सदस्यीय जांच कमेटी गठित की है, जो दो दिन में अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी। जांच कमेटी ने गृह परिसर पहुंचकर व्यवस्थाओं का जायजा लिया और छह घंटे तक जांच की। हालांकि, मृतकों की विसरा रिपोर्ट अब तक नहीं आई है।
अधीक्षक के कमरे से एसी हटवाने के दिए निर्देश
निरीक्षण के दौरान कमेटी ने पाया कि बालिकाओं की सुविधा के लिए दान में मिला एयर कंडीशनर (एसी) अधीक्षक रूपा वर्मा ने अपने चैंबर में लगवा लिया था। टीम सदस्यों ने सहायक निदेशक, सेंट्रल ऑफ एक्सीलेंस रविकांत को निर्देश दिए कि एसी को वापस बीमार बालिकाओं के आइसोलेशन रूम में लगवाया जाए।
रालसा ने दिए जांच के आदेश
राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण (रालसा) ने भी समाचार पर संज्ञान लेकर जांच के निर्देश दिए हैं। रालसा सदस्य सचिव हरिओम अत्री ने जिला विधिक सेवा प्राधिकरण (जयपुर महानगर-प्रथम) को निर्देश दिए कि तीन दिन में जांच कर 18 जुलाई तक तथ्यात्मक रिपोर्ट प्रस्तुत की जाए।