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जगदलपुर

CG News: नक्सल मोर्चे से जुड़े जवानों के लिए सोशल मीडिया बैन, मोबाइल से फेसबुक, यू-ट्यूब और इंस्टाग्राम डिलीट करवाए

CG News: अबूझमाड़ में मारे जाने के बाद से जवानों के वीडियो की सोशल मीडिया पर बाढ़ सी आ गई थी। अब इसे ही नियंत्रित करने के लिए जवानों के सोशल मीडिया अकाउंट डिलीट करवा दिए गए हैं।

जगदलपुरJul 20, 2025 / 08:25 am

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CG News: नक्सल मोर्चे से जुड़े जवानों के लिए सोशल मीडिया बैन, मोबाइल से फेसबुक, यू-ट्यूब और इंस्टाग्राम डिलीट करवाए

जवानों के लिए सोशल मीडिया बैन (Photo Patrika)

CG News: @आकाश मिश्र । बस्तर में नक्सल मोर्चे पर तैनात जवानों के सोशल मीडिया अकाउंट डिलीट करवा दिए गए हैं। ऐसा इसलिए किया गया है क्योंकि जवानों के सोशल मीडिया पोस्ट से ऑपरेशन की रणनीति लीक हो रही थी। जवान ऑपरेशन के दौरान क्या कुछ करते हैं और किन चुनौतियों को पार कर सफलता पाते हैं यह दिखा रहे थे। इसे देश-दुनिया में यूट्यूब और इंस्टाग्राम पर खूब देखा जा रहा था।
जवानों को मिलियन्स में व्यू मिल रहे थे। नक्सलियों के सुप्रीम लीडर बसव राजू के अबूझमाड़ में मारे जाने के बाद से जवानों के वीडियो की सोशल मीडिया पर बाढ़ सी आ गई थी। अब इसे ही नियंत्रित करने के लिए जवानों के सोशल मीडिया अकाउंट डिलीट करवा दिए गए हैं। बस्तर में तैनात के एक डीआरजी जवान ने इस बात की पुष्टि करते हुए बताया कि सभी जवानों के सोशल मीडिया हैंडल इन्फो जमा करवाए गए हैं।
सभी अकाउंट की जिला स्तर पर पड़ताल की गई फिर उन्हें डिलीट कर दिया गया। सुरक्षा बलों की गतिविधियों की गोपनीयता बनाए रखने को लेकर पुलिस और केंद्रीय सुरक्षा एजेंसियों ने बड़ा और सख्त कदम उठाया है। डीआरजी (डिस्ट्रिक्ट रिजर्व गार्ड) , एसटीएफ (स्पेशल टास्क फोर्स) और सीआरपीएफ (केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल) के जवानों के सोशल मीडिया अकाउंट्स अब बैन कर दिए गए हैं। सभी जवानों को निर्देश दिया गया है कि वे अपने फेसबुक, इंस्टाग्राम, यू-ट्यूब और अन्य सोशल मीडिया अकाउंट्स से दूर रहे हैं। साथ ही किसी भी ऑपरेशन से जुड़ी जानकारी या दृश्य सोशल मीडिया पर साझा न करें।
कर रहे काउंसलिंग

इसके पीछे सुरक्षा और मिशन की सफलता की प्राथमिकता बताई जा रही है। अधिकारियों का कहना है कि कुछ जवान अनजाने में वीडियो शेयर कर रहे थे, उन्हें अब साइबर सिक्योरिटी और ऑपरेशन की गोपनीयता पर विशेष काउंसलिंग दी जा रही है।
नक्सल ऑपरेशनों के दौरान कई जवान मोबाइल से वीडियो बनाकर उन्हें यूट्यूब और इंस्टाग्राम जैसे प्लेटफॉर्म पर पोस्ट कर रहे थे। विशेषकर नारायणपुर, बीजापुर और दंतेवाड़ा के कई डीआरजी जवानों के वीडियो लाखों व्यू पा रहे थे। इनमें से कुछ वीडियो ऑपरेशन के ठीक बाद के थे, जिसमें हथियार, मुठभेड़ की जगह, जंगल का रास्ता, यहां तक कि घायल या मारे गए नक्सलियों के दृश्य भी शामिल थे। इससे सुरक्षाबलों की गतिविधियों की जानकारी नक्सलियों तक पहुंचने की आशंका बढ़ गई थी।
वरिष्ठ अधिकारियों का सख्त फैसला

जवानों की सोशल मीडिया गतिविधि को लेकर अधिकारियों ने चिंता जताई। इसके बाद सातों जिलों दंतेवाड़ा, बीजापुर, नारायणपुर, सुकमा, कोंडागांव, कांकेर और बस्तर में तैनात जवानों को स्पष्ट आदेश जारी किए गए कि वे अपने सोशल मीडिया अकाउंट्स बंद करें और भविष्य में किसी भी प्रकार की ऑनलाइन एक्टिविटी से दूर रहें।
मोबाइल इस्तेमाल भी सीमित किया गया

सिर्फ सोशल मीडिया ही नहीं, अब ऑपरेशन के दौरान जवान अपने मोबाइल फोन का प्रयोग भी केवल आपात स्थिति या संपर्क के लिए कर सकेंगे। वीडियो बनाना, फोटो खींचना और किसी भी तरह की रिकॉर्डिंग पूर्णत: प्रतिबंधित कर दिया गया है। ऑपरेशन के बाद सभी मोबाइल्स की जांच की जा रही है कि कोई वीडियो रेकॉर्ड तो नहीं हुआ।
जवानों की सुरक्षा सर्वोपरि

नक्सल विरोधी अभियान बेहद संवेदनशील होते हैं। सोशल मीडिया पर जानकारी लीक होने से न केवल ऑपरेशन विफल हो सकते हैं। बल्कि हमारे जवानों की जान भी जोखिम में पड़ सकती है। इसीलिए सोशल मीडिया पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगाया गया है। जवानों की सुरक्षा सर्वोपरि है। -पी. सुंदरराज, आईजी, बस्तर रेंज

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