प्राप्त जानकारी के अनुसार, यह घटना 20 और 21 जुलाई की दरम्यानी रात की है। 4 से 5 की संख्या में अज्ञात माओवादी ग्रामीणों के घरों में घुसे और धारदार हथियारों से दोनों की बेरहमी से हत्या कर दी।
CG Naxal Attack: नक्सली बेटे ने किया था सरेंडर
पुलिस को मिली प्रारंभिक जानकारी के अनुसार, मृतक मंगलू कुरसम के बेटे नंदू ने कुछ समय पहले नक्सली संगठन छोड़कर आत्मसमर्पण किया था। माना जा रहा है कि नक्सली इसी कारण से नाराज थे और नंदू को निशाना बनाना चाहते थे। लेकिन घटना के वक्त नंदू गांव में मौजूद नहीं था, जिस कारण नक्सलियों ने उसके पिता की जान ले ली। घटना की जानकारी मिलते ही तर्रेम थाना पुलिस की टीम मौके के लिए रवाना हो चुकी है।
सर्च ऑपरेशन तेज
एएसपी चंद्रकांत गोवर्ना ने बताया कि घटना के बाद इलाके में सर्च ऑपरेशन तेज कर दिया गया है। नक्सलियों के खात्मे के लिए फोर्स लगातार जंगलों में सर्चिंग अभियान चला रही है। सीमित संख्या में बचे माओवादी अपनी उपस्थिति दर्ज कराने के लिए इस तरह की कायराना हरकतों को अंजाम दे रहे हैं। गौरतलब है कि आत्मसमर्पित नक्सलियों को अक्सर माओवादी संगठन अपना दुश्मन मानते हैं और उनके परिजनों को भी निशाना बनाने से नहीं चूकते। यह घटना उसी प्रवृत्ति का एक और दर्दनाक उदाहरण है।
25 दिनों में मुखबिरी के शक में 10 लोगों की हत्या
बीजापुर में
नक्सलियों ने 25 दिनों में मुखबिरी के शक में 10 लोगों की हत्या की है। जिसमें 6 ग्रामीण और 2 छात्र और 2 शिक्षा दूत शामिल हैं। वहीं, नक्सलियों ने पिछले 25 साल में 1821 लोगों का मर्डर किया है।