Golden book of World record: बलरामपुर जिले में हुआ ऐसा काम, गोल्डन बुक ऑफ World रिकॉर्ड में दर्ज हो गया नाम
Golden book of World record: गोल्डन बुक ऑफ वल्र्ड रिकार्ड की स्टेट हेड ने कलेक्टर राजेन्द्र कटारा को प्रदान किया प्रमाण पत्र, जल संरक्षण की दिशा में जनभागीदारी एवं प्रशासन के विशेष प्रयास से मिली सफलता
बलरामपुर. जल संरक्षण के उद्देश्य से जिले में ‘मोर गांव मोर पानी’ अभियान अंतर्गत लक्ष्य से अधिक 1 लाख 65 हजार 193 सोख्ता गड्ढ़ों का निर्माण किया गया। इसमें ग्रामीणों, महिलाओं, आमजनों ने सोख्ता गड्ढा निर्माण में जनसहभागिता दिखाते हुए जलसंरक्षण की दिशा में मिशाल पेश की। इसके तहत् सोख्ता गड्ढा निर्माण में जिले का नाम ‘गोल्डन बुक ऑफ वल्र्ड रिकार्ड’ (Golden book of World record) में शामिल किया गया। गोल्डन बुक ऑफ वल्र्ड रिकार्ड की स्टेट हेड सोनल शर्मा ने कलेक्टर राजेन्द्र कटारा को गोल्डन बुक ऑफ वल्र्ड रिकॉर्ड का प्रमाण पत्र प्रदान किया। इस दौरान जिला पंचायत सीईओ नयनतारा सिंह तोमर व अन्य अधिकारी-कर्मचारी उपस्थित थे।
कलेक्टर कटारा के मार्गदर्शन एवं जिला पंचायत सीईओ तोमर के नेतृत्व में सभी जनपद पंचायतों में अभियान को सफल बनाने सभी लोगों ने बढ़-चढक़र भागीदारी दिखाई। अभियान (Golden book of World record) को सफल बनाने जिला पंचायत सीईओ नयनतारा सिंह तोमर के नेतृत्व में ग्राम पंचायत स्तर पर दीवार लेखन जैसे अन्य गतिविधियां कर जागरूक किया गया।
Pit dug in Balrampur (Photo- patrika) ग्राम स्तर पर जनसंवाद के माध्यम से जलसंरक्षण के महत्व को समझाया गया। पोस्टर, बैनर के माध्यम से अभियान को जन.जन तक पहुंचाया गया। साथ ही इस अभियान को सफल बनाने पंचायतों को तकनीकी सहयोग भी प्रदान किया गया।
ग्रामीणों को बताया गया कि गड्ढे की लंबाई-चौड़ाई (Golden book of World record) क्या होनी चाहिए। उसमें उपयोग होने वाली सामग्री जैसे ईंट, बोल्डर, बालू के बारे में जानकारी दी गई।
डेढ़ लाख से अधिक बनाए गए सोख्ता गड्ढे
इस अभियान (Golden book of World record) अंतर्गत वर्षा जल संचयन के लिए सोख्ता गड्ढा निर्माण में प्रशासन सहित आमजनों की सक्रिय भूमिका रही है। इसके परिणामस्वरूप जिले में 1 लाख 65 हजार से भी अधिक सोख्ता गड्ढों का निर्माण किया गया।
Collector and CEO मोर गांव मोर पानी अभियान में महिला स्व सहायता समूहों, प्रधानमंत्री आवास हितग्राही, नरेगा कार्ड जॉबधारी की प्रभावी भूमिका रही। उन्होंने स्वयं के घर पर सोख्ता गड्ढा निर्माण कर अन्य महिलाओं को जागरूक किया और अपने आस-पड़ोस में स्वच्छता बनाए रखने की जिम्मेदारी (Golden book of World record) ली।
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