धूप और बारिश में दिक्कत
बड़ला के सरकारी विद्यालय में बच्चों के बैठने के लिए पर्याप्त कमरे नहीं हैं। विद्यालय में 5 कमरे और 11 कक्षाएं हैं। कक्षा 7 से लेकर 11 तक की कक्षाएं स्कूल के 5 कमरों में चलती हैं, जबकि पहली से लेकर छठी कक्षा तक के विद्यार्थी बरामदा एवं नीम के पेड़ के नीचे बैठकर शिक्षा ग्रहण करते हैं। बारिश और गर्मी के मौसम में बच्चों को खासी परेशानियों का सामना करना पड़ता है।कुल कमरे सात
बड़ला के सरकारी विद्यालय में कुल सात कमरे हैं। इनमें से एक कमरे पर जर्जर अवस्था के कारण 2 साल से ताला लगा है। एक कमरे में प्रधानाचार्य का कार्यालय है। शेष पांच कमरों में कक्षा 11 तक की कक्षाएं चलती हैं।
1952 में हुई स्थापना
बडला उर्फ़ काला तालाब में राजकीय प्राथमिक विद्यालय की स्थापना 1952 में हुई। इसके बाद 1998 में उच्च प्राथमिक विद्यालय में क्रमोन्नत हुआ। फिर 2023 में उच्च माध्यमिक विद्यालय में क्रमोन्नत हुआ। इसमें अभी 11वीं कक्षा चल रही है। अगले साल से 12वीं कक्षा चलेगी।स्कूल के सामने नाडी

13 में से 7 पद रिक्त
बडला के राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय में हिंदी, अंग्रेजी, विज्ञान एवं गणित जैसे प्रमुख विषय के व्याख्याताओं के पद रिक्त हैं। वरिष्ठ अध्यापक सैकंड ग्रेड, एल वन सैकंड ग्रेड समेत लिपिक का पद रिक्त है। कुल 13 पद स्वीकृत हैं। ऐसे में अभी 7 पद रिक्त चल रहे हैं। इससे विद्यार्थियों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है।इनका कहना है…
बडला स्कूल में कमरों की कमी के कारण कक्षा 7 से 11 तक की कक्षाएं 5 कमरों में चलती हैं। कक्षा 1 से 6 तक के विद्यार्थी बरामदा एवं पेड़ के नीचे पढ़ाई करते हैं।- नीता बूब, प्रधानाचार्य, राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय, बडला
- अशोक कुमार राव, मुख्य ब्लॉक शिक्षा अधिकारी, भिनाय