मस्जिद से सड़कों तक लग रहे जिहाद के नारे
यूनुस के नेतृत्व में अंतरिम सरकार के राज में उग्रवादी और प्रतिबंधित संगठनों की गतिविधियाँ फिर से सार्वजनिक रूप से दिखाई देने लगी हैं। ढाका की राष्ट्रीय मस्जिद बैतुल मुकर्रम के प्रांगण में हिज्ब उत-तहरीर, विलायाह बांग्लादेश, अंसार अल-इस्लाम और जमात-ए-इस्लामी जैसे इस्लामी जिहादी संगठनों के सदस्यों ने खुलकर जिहाद के समर्थन में नारे लगाए।
खुद को जिहादी और मिलिटेंट बताया
नारेबाजी के दौरान जिहादियों ने खुलेआम खुद को जिहादी के साथ मिलिटेंट भी बताया। इन जिहादियों ने जिहाद के लिए नारेबाजी करते हुए साफ कर दिया कि उनके लिए जिहाद ही सबकुछ है और इससे बढ़कर कुछ भी नहीं।
अल्पसंख्यों के प्रति नफरत
इन जिहादियों के मन में हिंदुओं समेत अन्य अल्पसंख्यकों के लिए कितनी नफरत है, यह बात भी किसी से छिपी नहीं है। जिहादियों ने “इस्मालिक बांग्लादेश में काफिरों के लिए कोई जगह नहीं” जैसे नारे भी लगाए।
यूनुस के नेतृत्व में बांग्लादेश में बढ़ती जा रही अस्थिरता
यूनुस के नेतृत्व में बांग्लादेश में अस्थिरता बढ़ती ही जा रही है। जिहाद बढ़ता ही जा रहा है और शांति की इच्छा रख्नने वाले अल्पसंख्यकों को डर के साये में जीना पड़ रहा है।