मामले को लेकर विदिशा सोशल वेलफेयर सोसाइटी की दीपा शर्मा ने मीडिया से चर्चा करते हुए कहा कि, सोसाइटी को जानकारी मिली थी कि, बड़ी तादाद में बच्चों को ले जाया जा रहा है। इसपर हमारी टीम ने आरपीएफ के साथ मिलकर त्वरित एक्शन लिया और रातभर स्टेशन पर निगरानी की। सुबह करीब 5 बजे ट्रेन के स्टेशन पर पहुंचते ही कार्रवाई को अंजाम दिया गया। उन्होंने बताया कि, रेस्क्यू के दौरान कुछ तस्कर मौके से फरार हो गए, जबकि 6 आरोपियों को दबोच लिया गया है।
चेन पुलिंग कर रोकी गई ट्रेन
दीपा शर्मा के अनुसार, स्टेशन पर ट्रेन का स्टॉपेज सिर्फ 2 मिनट का था। ऐसे में ट्रेन को चेन पुलिंग कर रोका गया था, जिसके बाद सर्चिंग कर अंदर से 34 संदिग्धों को उतारा गया। उनमें 21 नाबालिग बच्चे थे। उन्होंने बताया कि, कुछ बच्चे ट्रेन से आगे भी निकल चुके हैं, जिन्हें उज्जैन स्टेशन पर रेस्क्यू किया जाएगा।
सभी से पूछताछ जारी
रेस्क्यू किए गए बच्चों को अब बाल कल्याण समिति के सामने पेश किया जाएगा। यहां से अस्थाई रूप से बाल संप्रेषण गृह में रखा जाएगा। फिलहाल, जीआरपी थाना प्रभारी राजेंद्र सिंह और उनकी टीम, बच्चों को ले जाने वाले लोगों से पूछताछ कर रही है, ताकि पूरे नेटवर्क का खुलासा किया जा सके।