Rajasthan: लॉरेंस बिश्नोई गिरोह पर इस जिले में BNS की धारा 111 के तहत पहली FIR दर्ज, जानें क्या है सजा का प्रावधान ?
राजस्थान के श्रीगंगानगर जिले में प्रॉपर्टी डीलर राजू कथूरिया के घर हुई फायरिंग के मामले में पुलिस ने जिले में पहली बार BNS की धारा 111 के तहत केस दर्ज किया है। इसमें लॉरेंस विश्नोई गिरोह के कई सदस्यों को आरोपी बनाया गया है।
श्रीगंगानगर। राजस्थान पुलिस ने पंजाब सीमा से सटे इलाकों में व्यापारियों को धमकाने और फिरौती मांगने की बढ़ती घटनाओं के खिलाफ सख्त कदम अपनाया है। भारतीय दंड संहिता (BNS) की नई धारा 111 के तहत पहली FIR दर्ज की है। यह कार्रवाई श्रीगंगानगर में एक प्रॉपर्टी डीलर के घर पर हुई फायरिंग की घटना के बाद की गई है। इस मामले में जेल में बंद गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई, उसका भाई अनमोल बिश्नोई (जो विदेश में होने की आशंका है) और उनके स्थानीय नेटवर्क के कई सदस्यों को आरोपी बनाया गया है।
श्रीगंगानगर पुलिस अधीक्षक गौरव यादव ने बताया कि BNS की धारा 111 संगठित अपराध से निपटने के लिए लागू की गई है, जो अब इस जिले में पहली बार प्रयोग में लाई गई है। यह प्रावधान फिरौती, अपहरण, जमीन कब्जाना, मानव तस्करी, सुपारी किलिंग, साइबर क्राइम और आर्थिक धोखाधड़ी जैसे मामलों में संगठित नेटवर्क के खिलाफ कठोर कार्रवाई की अनुमति देता है।
कठोर सजा का प्रावधान
इस कानून के तहत यदि संगठित अपराध के चलते किसी की मौत होती है, तो आजीवन कारावास से लेकर मृत्युदंड तक की सजा हो सकती है। साथ ही आरोपियों पर 5 लाख से 10 लाख रुपये तक जुर्माना भी लगाया जा सकता है। इतना ही नहीं, जो कोई भी ऐसे नेटवर्क को पनाह देता है, सहयोग करता है या उससे लाभ लेता है, उसे भी वही सजा दी जा सकती है।
फिरौती कॉल के बाद फायरिंग
पुलिस के अनुसार, प्रॉपर्टी डीलर को बिश्नोई गिरोह के नाम पर कई बार फिरौती के लिए धमकी भरे कॉल आए थे। इसके बाद उसके घर पर फायरिंग की गई। सोमवार को दो संदिग्ध शूटर मनीष और राहुल को गिरफ्तार किया गया। पूछताछ में उन्होंने गिरोह से संबंध स्वीकार किए हैं। इससे पहले, आगरा के प्रदीप उर्फ गोलू पंडित और कुछ अन्य लोगों को गिरफ्तार किया गया था जो फायरिंग में शामिल थे। पुलिस को आशंका है कि इन्हें विशेष रूप से हमले के लिए ही सुपारी दी गई थी।
अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क का खुलासा
जांच में खुलासा हुआ है कि बिश्नोई गिरोह का नेटवर्क अंतरराष्ट्रीय स्तर तक फैला हुआ है। गिरोह के कुछ सदस्य यूरोप, अमेरिका और खाड़ी देशों में छिपे हुए हैं। यह गिरोह हथियार सप्लायर, ड्रग कार्टेल, हवाला ऑपरेटर और सोने की तस्करी से सीधे तौर पर जुड़ा है। इनका नेटवर्क राजस्थान सहित उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, हरियाणा, दिल्ली, पंजाब और महाराष्ट्र तक फैला हुआ है।
लॉरेंस विश्नोई गैंग ने बनाई थी पूरी योजना
पुलिस का कहना है कि पूछताछ के दौरान यह स्पष्ट हो गया है कि फायरिंग की पूरी योजना बिश्नोई गिरोह की ओर से निर्देशित थी। अब देश और विदेश में मौजूद सभी आरोपियों के खिलाफ BNS की धारा 111 के तहत संगठित अपराध का मामला दर्ज किया गया है। यह मामला राजस्थान में संगठित अपराध पर सख्ती का बड़ा संकेत है, जो आने वाले समय में अन्य गैंग्स पर भी प्रभावी कार्रवाई की राह खोल सकता है।
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