scriptराजसमंद में ‘पंच गौरव’: विकास का नया ब्लूप्रिंट और समन्वय की कसौटी | 'Panch Gaurav' in Rajsamand: A new blueprint for development and a test of coordination | Patrika News
राजसमंद

राजसमंद में ‘पंच गौरव’: विकास का नया ब्लूप्रिंट और समन्वय की कसौटी

जिले ने एक बार फिर यह साबित कर दिया है कि योजनाओं को सिर्फ कागजों में सिमटाकर नहीं, बल्कि ज़मीन पर उतारने का माद्दा भी यहां के प्रशासन में है।

राजसमंदJul 16, 2025 / 05:50 pm

Madhusudan Sharma

DM Arun Haseeja Meeting

DM Arun Haseeja Meeting

राजसमंद. जिले ने एक बार फिर यह साबित कर दिया है कि योजनाओं को सिर्फ कागजों में सिमटाकर नहीं, बल्कि ज़मीन पर उतारने का माद्दा भी यहां के प्रशासन में है। बुधवार को जिला कलक्टर अरुण कुमार हसीजा की अध्यक्षता में आयोजित पंच गौरव कार्यक्रम की समीक्षा बैठक इसी सोच को मज़बूती देती है।

पंच गौरव क्या है?

‘पंच गौरव’ यानी जिले के पांच विशिष्ट क्षेत्र, जिन्हें चिन्हित कर वहां विकास की रफ्तार को तेज़ करना। राजसमंद के संदर्भ में यह पंच गौरव इस प्रकार हैं:

  • एक जिला-एक उपज: सीताफल
  • एक जिला-एक वनस्पति प्रजाति: नीम
  • एक जिला-एक उत्पाद: मार्बल और ग्रेनाइट
  • एक जिला-एक पर्यटन स्थल: कुंभलगढ़
  • एक जिला-एक खेल: हॉकी
यह चयन दर्शाता है कि प्रशासन ने क्षेत्रीय विशेषताओं, स्थानीय संसाधनों और ऐतिहासिक महत्व को आधार बनाकर योजनाएं बनाई हैं।

समीक्षा बैठक: काम के साथ प्रचार का भी रोडमैप

बैठक में आर्थिक एवं सांख्यिकी विभाग के उप निदेशक एवं सदस्य सचिव बिन्दु चौधरी ने साफ कहा कि कलक्टर ने सभी विभागों को निर्देश दिए हैं कि सिर्फ योजना बनाना काफी नहीं, उसे धरातल पर भी उतारना होगा। इसके लिए तीन बातें सबसे अहम मानी गईं:
  • ठोस जिला स्तरीय कार्ययोजना
  • विभागों के बीच समन्वय

अनुमोदन और क्रियान्वयन की त्वरित प्रक्रिया

कलक्टर हसीजा ने यह भी कहा कि पंच गौरव की प्रगति की लगातार मॉनिटरिंग होनी चाहिए। इसका मकसद यह है कि यदि कहीं कोई रुकावट आती है तो तुरंत समाधान ढूंढा जाए। इसके अलावा जनजागरूकता भी जरूरी है ताकि आमजन इन पहलों से जुड़ सकें और योजनाओं के असली लाभार्थी बन सकें।

गौरव बिंदुओं का महत्व: क्यों चुने गए ये पांच क्षेत्र?

सीताफल: किसानों की नई उम्मीद

राजसमंद जिले में सीताफल की खेती पारंपरिक तौर पर होती आई है, लेकिन अब तक इसे संगठित तौर पर बढ़ावा नहीं मिल पाया। ‘एक जिला-एक उपज’ योजना के तहत कृषि एवं उद्यानिकी विभाग सीताफल की खेती, प्रोसेसिंग और मार्केटिंग को नई दिशा देगा। इसका सीधा फायदा किसानों को होगा और जिले को नई पहचान भी।

नीम: वनस्पति से औषधि तक

नीम का महत्व सिर्फ पर्यावरण के लिहाज़ से ही नहीं, बल्कि आयुर्वेदिक औषधियों और प्राकृतिक उत्पादों के लिए भी बहुत है। ‘एक जिला-एक वनस्पति प्रजाति’ योजना के अंतर्गत वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन विभाग नीम के पौधारोपण, संवर्धन और उससे जुड़े उद्योगों को प्रोत्साहित करेगा।

मार्बल-ग्रेनाइट: उद्योग की रीढ़

राजसमंद के मार्बल और ग्रेनाइट उद्योग को वैश्विक पहचान मिली हुई है। ‘एक जिला-एक उत्पाद’ के तहत उद्योग एवं वाणिज्य विभाग इस क्षेत्र में तकनीकी नवाचार, निर्यात और वैल्यू एडिशन पर फोकस करेगा। इससे स्थानीय युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर खुलेंगे।

कुंभलगढ़: पर्यटन में संभावनाओं का किला

कुंभलगढ़ किला विश्व धरोहर सूची में शामिल है। लेकिन पर्यटन के लिहाज से अभी भी इसकी पूरी क्षमता का उपयोग नहीं हो पा रहा। ‘एक जिला-एक पर्यटन स्थल’ योजना के तहत पर्यटन, कला एवं संस्कृति विभाग यहां बुनियादी ढांचे को मज़बूत करेगा, ताकि देश-विदेश से अधिक सैलानी यहां आकर्षित हों।

हॉकी: खेल प्रतिभा को नई उड़ान

राजसमंद में हॉकी की मजबूत जड़ें रही हैं। ‘एक जिला-एक खेल’ योजना के तहत खेल एवं युवा मामलात विभाग हॉकी मैदान, कोचिंग कैंप और प्रतियोगिताओं के आयोजन को बढ़ावा देगा, जिससे जिले से राष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ी निकल सकें।

प्रचार-प्रसार भी उतना ही जरूरी

बैठक में यह साफ संकेत दिया गया कि पंच गौरव के काम सिर्फ फाइलों में नहीं रहने चाहिए। इसके लिए जनजागरूकता पर ज़ोर रहेगा। सोशल मीडिया, नुक्कड़ नाटक, पोस्टर-बैनर और पंचायत स्तर तक जनसम्पर्क के माध्यम से आमजन को बताया जाएगा कि ये योजनाएं उनके लिए क्या मायने रखती हैं।

मॉनिटरिंग सिस्टम: प्रगति पर हर नज़र

कलक्टर ने विभागीय अधिकारियों को यह भी निर्देशित किया कि हर योजना की साप्ताहिक रिपोर्टिंग अनिवार्य की जाए। जिला स्तर पर एक मॉनिटरिंग कमेटी बनाकर प्रगति की समीक्षा होगी। कहीं भी अड़चन हो तो तुरंत उच्चाधिकारियों को जानकारी देकर समाधान निकाला जाएगा।

आगे की रणनीति: योजनाओं को अमली जामा

बैठक में तय हुआ कि सभी विभाग अपनी विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (DPR) जल्द तैयार करेंगे। बजट की स्वीकृति और टेंडर की प्रक्रिया को भी पारदर्शी और त्वरित बनाने पर सहमति बनी। ग्रामीण स्तर पर पंचायत समितियों को भी इन योजनाओं से जोड़ा जाएगा।

Hindi News / Rajsamand / राजसमंद में ‘पंच गौरव’: विकास का नया ब्लूप्रिंट और समन्वय की कसौटी

ट्रेंडिंग वीडियो