पिछले माह भी कई उपभोक्ताओं के बिल स्कीम से बाहर कर दिए गए थे। जिससे जिनका बिल 300 से 500 के बीच प्रति माह आया करता था उन मध्यमवर्गीय परिवारों के बिल अचानक से 1000 से 1500 रुपए तक के आने लगे। कुल मिलाकर बिजली कंपनी का यह नया फार्मूला सामने आया है, जिससे माना जा रहा है कि सब्सिडी स्कीम को खत्म ही करने की योजना है। फिलहाल अभी तक भी बिल नहीं आने से सब्सिडी स्कीम का फायदा उपभोक्ताओं को मिलता नजर नहीं आ रहा है।
यह है सब्सिडी नियम
संबल योजना और बिजली कंपनी की सब्सिडी स्कीम के तहत आम उपभोक्ताओं को पहली 100 यूनिट बिजली 100 रुपए में दी जाती है। इसके बाद 100 से 150 यूनिट का बिल लिया जाता है। जिससे बिजली पर सामान्य दर से बिजली अधिकतम बिल 385 रुपए ही आ रहा था। लेकिन इसके बाद 151 यूनिट से ज्यादा बिजली का उपयोग करने पर न्यूनतम 151 से 200 यूनिट पर 1501 रुपए और 350 यूनिट पर 2875 रुपए तक बिजली का बिल जमा करना पड़ेगा। अब जो 100 से 150 यूनिट तक की बिजली भी उपभोक्ताओं को मिल रही थी, उसका भी गणित बिगाड़ा जा रहा क्योंकि यदि 30 दिन के बाद रीडिंग ली तो निश्चित तौर पर 150 यूनिट से अधिक बनना तय है।
पिछले माह भी देरी से हुई थी रीडिंग
जिलेभर में बिजली कंपनी के मनमाने बिल उपभोक्ताओं को थमाए जा रहे हैं, जिससे पूरा गणित उनका बिगड़ गया है। नियमानुसार 500 रुपए तक के बिल प्रतिमाह जमा करने वाले उपभोक्ताओं को प्रति माह 1500 रुपए तक देने पड़ रेह है। जिसका अतिरिक्त लोड मध्यमवर्गीय और सामान्य परिवारों पर पड़ा है। माना जा रहा है कि चुनावी का सीजन अब खत्म हो गया है, इसीलिए बिजली कंपनी आम जनता पर बोझ बढ़ाने की तैयारी में है। जिससे दो से तीन गुना बोझ उपभोक्ताओं की जेब पर पड़ने वाला है।
यह भी जानिए
-100 से 150 यूनिट तक मिलता है सब्सिडी का लाभ। -150 से ज्यादा यूनिट पर टैरिफ अनुसार बिल लगता है। -17 तारीख तक भी नहीं ली गई रीडिंग। -01 से 05 तारीख के बीच रीडिंग लेने के साथ ही देना होते हैं बिल।
रीडिंग नहीं हो रही
रीडिंग तो चालू हो गई है। हो सकता है, कुछ इलाकों में शिकायतें हो। हम दिखवा लेते हैं कि, शहर के कौन- कौन से हिस्सों में समय पर रीडिंग नहीं हो रही है। -अजीत भूमरकर, एई सिटी बिजली कंपनी ब्यावरा