प्रदेश में किसी सरकारी अस्पताल में रोबोटिक सर्जरी शुरू करने वाला एम्स पहला संस्थान बन जाएगा। यहां यूरो सर्जरी, जनरल सर्जरी, गेस्ट्रो सर्जरी व ऑर्थो में रोबोटिक सर्जरी की शुरुआत की जा सकती है। इसके लिए डॉक्टर समेत नर्सिंग व पैरामेडिकल स्टाफ को विशेष ट्रेनिंग दी जाएगी। बिना ट्रेनिंग रोबोटिक सर्जरी नहीं की जा सकती।
एम्स की स्थापना 2012 में हुई थी। विशेषज्ञों के अनुसार इस हिसाब से रोबोटिक सर्जरी की शुरुआत करने में 13 साल लगने वाले है। केंद्रीय संस्थान होने के कारण बजट की कमी शायद ही कभी हो। जैसाकि बजट की कमी के कारण राज्य सरकार के मेडिकल कॉलेज संबद्ध अस्पतालों में नई सुविधा शुरू करने में देरी हो जाती है।
आंबेडकर अस्पताल जनरल सर्जरी को दिया फंड आंबेडकर अस्पताल के आंको यानी कैंसर सर्जरी विभाग में रोबोटिक सर्जरी के लिए 2018 में टेंडर हो गया था। तकनीकी कारणों से यह रद्द हो गया था। इस साल मार्च के राज्य बजट में जनरल सर्जरी विभाग में रोबोटिक सिस्टम सर्जरी के लिए 2 करोड़ का फंड स्वीकृत किया गया है। चूंकि आंको सर्जरी में एमसीएच की 3 सीटों की मान्यता मिली है। जानकारों के अनुसार ऐसे में आंको सर्जरी को रोबोटिक सिस्टम का फंड दिया जाना था। इससे एमसीएच के छात्रों को पढ़ाई पूरी करने के बाद दूसरे अस्पतालों में जाकर रोबोटिक सर्जरी की ट्रेनिंग लेने की जरूरत नहीं पड़ती।
रोबोटिक सर्जरी के फायदे पिन पाइंट व 360 डिग्री ऑपरेशन थ्रीडी, एचडी कैमरे से सटीक सर्जरी ऑपरेशन के दौरान ब्लीडिंग कम कम दर्द व छोटे चीरे की जरूरत मरीज की रिकवरी तेजी से
इंफेक्शन की संभावना भी कम अस्पताल से जल्दी छुट्टी सामान्य सर्जरी की तुलना में महंगा एम्स में रोबोटिक सर्जरी के लिए उपकरण व मशीन इंस्टालेशन किया जा रहा है। दो से तीन माह में ये सुविधा शुरू होने की संभावना है। इसके पहले जरूरी विभागों के डॉक्टर, नर्सिंग व पैरामेडिकल स्टाफ को ट्रेनिंग दी जाएगी। रोबोटिक सर्जरी शुरू होने के बाद एम्स प्रदेश का पहला सरकारी संस्थान बन जाएगा।-डॉ. मृत्युंजय राठौर, पीआरओ, एम्स