शुरुआती जांच में मीटर में गड़बड़ी का मामला पता चलने पर विजिलेंस टीम ने उपभोक्ता के घर का मीटर सीज कर जांच के लिए भिलाई भेजा, जहां उपभोक्ता और विजिलेंस टीम की उपस्थिति में मीटर की जांच की गई, जिसमें मीटर के दोनों बाक्स सील व अन्य समस्त सीलों को क्षतिग्रस्त कर अंदर छेड़छाड़ करने की मामले की पुष्टि हुई। इसके बाद
बिजली विभाग की विजिलेंस टीम ने उपभोक्ता पर 11 जुलाई को एफआईआर कराई और उपभोक्ता पर जब से स्मार्ट मीटर लगा और गड़बड़ी तक के बीच के समय तक की खपत की गणना कर उपभोक्ता पर विद्युत अधिनियम 2003 के तहत 2.5 गुना करीब 87349 रुपए का जुर्माना किया गया।
बड़े गिरोह से छेड़छाड़ कराने का शक बिजली विभाग के अधिकारियों को शक है कि मीटर टैम्परिंग के मामले में कोई गिरोह सक्रिय हो सकता है। रायपुर शहर के अधीक्षण अभियंता एम. विश्वकर्मा का कहना है कि स्मार्ट मीटर में आम उपभोक्ता गड़बड़ी नहीं कर सकता है। इसके पीछे किसी बड़े गिरोह के काम करने का शक है। इसीलिए गड़बड़ी करने वाले उपभोक्ता पर एफआईआर कर पुलिस को उसे गिरफ्तार करने के लिए कहा गया है, जिससे उससे पूछताछ कर स्मार्ट मीटर में गड़बड़ी करने वाले लोगों का पता चल सके।
तुरंत पता चलेगी छेड़छाड़ स्मार्ट मीटर में की गई छेड़छाड़ व गड़बड़ी की सूचना तुरंत स्मार्ट मीटर सेल के कंट्रोल रूम के ऑनलाइन सिस्टम को प्राप्त हो जाती है। ऐसे में किसी भी गड़बड़ी को पकड़ना आसान हो गया है। इसीलिए प्रदेशभर में जल्द से जल्द स्मार्ट मीटर लगाने काम तेजी से चल रहा है।
गिरफ्तारी की तलवार एफआईआर और जुर्माना के बाद उपभोक्ता ने 87349 रुपए का बिल का भुगतान कर दिया। लेकिन उस पर गिरफ्तारी की तलवार लटक रही है। बिजली विभाग उपभोक्ता को गिरफ्तार कर पूछताछ करने के लिए पुलिस को कहा है।