scriptEd Raid: शराब घोटाले में चैतन्य के करीबियों से मिला सुराग, 5 दिन में खुलेंगे और भी कई बड़े राज | Clue found from Chaitanya's close aides in the liquor scam | Patrika News
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Ed Raid: शराब घोटाले में चैतन्य के करीबियों से मिला सुराग, 5 दिन में खुलेंगे और भी कई बड़े राज

Ed Raid: चैतन्य के खिलाफ की गई कार्रवाई और गिरफ्तारी के विरोध में कांग्रेस नेता एकजुट हो गए हैं। नेताओं ने राजीव गांधी चौक पर मोदी सरकार और ईडी के खिलाफ धरना दिया।

रायपुरJul 19, 2025 / 10:05 am

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Ed Raid: शराब घोटाले में चैतन्य के करीबियों से मिला सुराग, 5 दिन में खुलेंगे और भी कई बड़े राज

शराब घोटाले में चैतन्य के करीबियों से मिला सुराग (Photo Patrika)

Ed Raid: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को शराब घोटाले में पूर्व सीएम भूपेश बघेल के पुत्र चैतन्य के खिलाफ उनके करीबी लोगों से सुराग मिला। ईडी का दावा है कि पिछले काफी समय तक जांच करने, पूछताछ में मिली जानकारी और इनपुट जुटाने के बाद उनको गिरफ्तार किया। इसमें एक बड़े ज्वेलरी संचालक, शराब कारोबारी एवं ट्रांसपोर्टर पप्पू बंसल, त्रिलोक ढिल्लन और दीपेंद्र चावड़ा के साथ मिले कनेक्शन के आधार पर हाथ डाला गया। सभी लोगों के जरिए ही निवेश करने की जानकारी मिली है। इस मामले में ईडी ने दुर्ग के बघेल बिल्डकॉन और बिलासपुर के विट्टल ग्रीन्स को जांच के दायरे में रखा है। ईडी ने इनमें बंसल सहित कई लोगों के बयानों का हवाला देते हुए पूरी चेन के ज़रिए क़रीब 1000 करोड़ रुपए की ब्लैकमॅनी को सफेद करने की आशंका जताई है।
इस चेन में अनवर ढेबर द्वारा दीपेंद्र को शराब घोटाले की दी गई रकम है। ईडी ने कोर्ट में आरोपियों के बयानों के आधार पर बताया कि एक ज्वैलर्स और पवन बंसल को बड़ा लोन देने और फिर उस लोन से बघेल बिल्डकॉन के लिए 6 बड़े प्लॉट की कथित खरीदी का उल्लेख है। ईडी के वकीलों के अनुसार इसी बिल्डकॉन में ढिल्लन की ओर से अपने कर्मचारियों के नाम पर 19 फ्लैट की कथित खरीदी दिखाई गई है। बिलासपुर के विट्टल ग्रीन्स में करीब 14 करोड़ के इन्वेस्टमेंट और केवल ढाई करोड़ की बिलिंग के आरोप के संबंध में पूछताछ होगी। ईडी के मुताबिक अनवर ढेबर अवैध वसूली की रकम दीपेंद्र को दी जाती थी। इसे वह पीसीसी कोषाध्यक्ष रामगोपाल अग्रवाल और बिलासपुर के केके श्रीवास्तव तक पहुंचाया जाता था। इसी चेन में शामिल सभी लोगों की भूमिका को ईडी ने जांच के दायरे में लिया है।
चैतन्य के खिलाफ की गई कार्रवाई और गिरफ्तारी के विरोध में कांग्रेस नेता एकजुट हो गए हैं। नेताओं ने राजीव गांधी चौक पर मोदी सरकार और ईडी के खिलाफ धरना दिया। कांग्रेस ने शनिवार को एक महत्वपूर्ण बैठक भी बुलाई है। इसमें आगे की रणनीति पर चर्चा होगी।
इस मामले को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री का कहना है कि आज मेरे बेटे को उसके जन्मदिन पर गिरफ्तार किया गया है। पहले कवासी लखमा को टारगेट किया गया। अब वे मेरे बेटे को निशाना बना रहे हैं, ताकि कोई अडाणी के खिलाफ आवाज न उठा सकें। नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत ने चैतन्य की गिरफ्तारी को अनैतिक बताया है। उन्होंने कहा, केंद्रीय जांच एजेंसियों का उपयोग जनहित की सेवा के बजाय राजनीतिक द्वेष और प्रतिशोध के लिए किया जा रहा है। यह गंभीर चिंता का विषय है।
उन्होंने कहा, पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के खिलाफ जिस प्रकार की दुर्भावनापूर्ण कार्रवाई ईडी द्वारा की जा रही है, वह केवल एक नेता पर नहीं, बल्कि पूरी लोकतांत्रिक प्रणाली पर सीधा प्रहार है। छत्तीसगढ़ की जागरूक जनता, कांग्रेस पार्टी और हम सभी इस अन्याय के खिलाफ एकजुट हैं। प्रदर्शन के दौरान पूर्व मंत्री रविंद्र चौबे, मोहम्मद अकबर, अनिला भेड़िया, उमेश पटेल, जयसिंह अग्रवाल, लखेश्वर बघेल, भोलाराम साहू, देवेंद्र यादव, विक्रम मंडावी, विकास उपाध्याय, सुशील आनंद शुक्ला, प्रमोद दुबे सहित अन्य कार्यकर्ता मौजूद थे।
सरकार के कहने पर नहीं चलती ईडी: केदार

इस मामले में मंत्री केदार कश्यप ने कहा, सरकार किसी भी तरह के दबाव में नहीं है। ये कांग्रेस की सरकार नहीं है। ईडी अपनी कार्रवाई कर रही है। ईडी सरकार के कहने पर नहीं चलती। इससे पहले भी उनसे पूछताछ हुई थी, वे शक के दायरे में हैं।
ईडी की कार्रवाई पर भूपेश ने उठाए सवाल

भूपेश ने ईडी की कार्रवाई पर गंभीर सवाल उठाएं हैं। उन्होंने कहा, पिछली बार मेरे जन्मदिन पर ईडी आई थी और आज मेरे बेटे के जन्मदिन में भी ईडी आई है। कांग्रेस पार्टी ने अदाणी के खिलाफ काम किया और इसी कारण यह कार्रवाई की गई है। शिकायत आ रही है कि पप्पू बंसल के बयान के आधार पर कार्रवाई की जा रही है। पप्पू बंसल के खिलाफ गैर जमानती वारंट है और वह इंसान खुलेआम घूम रहा है। इससे समझ आ जाता है कि शासकीय एजेंसी के माध्यम से षड्यंत्र हो रहा है। हम लोग डरने वाले नहीं हैं।
गिरफ्तारी राजनीति से प्रेरित: अमित जोगी

जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ के प्रदेश अध्यक्ष अमित जोगी ने कहा, यह गिरफ्तारी पूरी तरह से राजनीति से प्रेरित है। यह साबित करता है कि सरकार संवैधानिक संस्थाओं का दुरुपयोग करके विपक्ष को डराने-दबाने की रणनीति पर चल रही है।
इस तरह मिले सबूत

ईडी ने शराब, कोयला और महादेव सट्टा मामले की जांच के दौरान रायपुर, दुर्ग, भिलाई सहित अन्य शहरों में छापेमारी की। इस दौरान उक्त सभी घोटाले में अवैध वसूली की रकम का बंदरबांट की जानकारी मिली। तलाशी में मिले दस्तावेजों में परत दर परत खुलने पर पता चला कि इसमें रसूखदार अधिकारियों, कारोबारियों के जरिए राजनैतिक लोगों को हिस्सा पहुंचता था। शराब घोटाला पूर्व आईएएस अनिल टुटेजा के संरक्षण में हुआ। इसका मास्टरमाइंड अनवर ढेबर सहित अन्य लोग शामिल थे। शराब से प्रतिमाह 2 करोड़ रुपए कवासी लखमा को मिलते थे। उनकी जानकारी में यह खेल हुआ था।

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