इस वर्ष
मुख्यमंत्री शिक्षा गुणवत्ता अभियान आरंभ किया गया है, जिसके तहत हायर सेकंडरी स्कूल और संकुल के माध्यम से कक्षा पहली से 12वीं तक की शिक्षा का उन्मुखीकरण व उत्तरोत्तर विकास किया जाना प्रस्तावित है। प्राचार्य अपने संकुल के प्रमुख होते हैं, इससे प्रदेश की कक्षा पहली से 12वीं तक की शाला संकुल व्यवस्था के अंतर्गत समाहित है। सैकड़ों संकुल मुख्यालय में पूर्णकालिक प्राचार्य नहीं होने से शालाओं का उन्मुखीकरण व उत्तरोत्तर विकास प्रभावित हो रहा है।
प्राचार्य पदोन्नति सूची अटकी 30 अप्रैल को 2813 प्राचार्य की पदोन्नति सूची जारी की गई थी, जिसमें ई-संवर्ग के 1478 व टी संवर्ग के 1335 व्याख्याता, प्रधान पाठक को प्राचार्य पदोन्नति दी गई है, किंतु इनकी पोस्टिंग में ढाई माह से अवरोध है। 9 जून से 17 जून तक लगातार सुनवाई करते हुए 5 मई 2019 के नियम को सही मानते हुए हाईकोर्ट डबल बेंच में लगे हुए समस्त याचिकाओं को निराकृत करते हुए 1 जुलाई को खारिज किया।
उम्मीद की जा रही थी कि शीघ्र प्राचार्य को पोस्टिंग दी जाएगी, किंतु इसके बाद एक व्याख्याता नारायण प्रकाश तिवारी की याचिका सिंगल बेंच से स्टे हो गई और इसके कारण शिक्षा विभाग पोस्टिंग नहीं कर सका। जबकि, याचिकाकर्ता नारायण प्रकाश तिवारी जी 30 जून को व्याख्याता पद से रिटायर भी हो चुके हैं।
जल्द दी जाए पोस्टिंग: एसोसिएशन छत्तीसगढ़ टीचर्स एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष संजय शर्मा का कहना है कि प्राचार्य पदोन्नति के बाद पोस्टिंग कब होगी, कोई नहीं बता सकता। ट्रायवल विभाग की प्राचार्य पदोन्नति सूची में कोई अवरोध या रोक नही है। अब इस सूची पर पदोन्नत प्राचार्य की पोस्टिंग की जाए। शिक्षा विभाग ने 12 वर्ष बाद भी जारी की गई प्राचार्य पदोन्नति सूची के 2813 प्राचार्य की पदस्थापना ढाई महीने में भी नहीं हो पाया। उन्होंने कहा कि प्राचार्य की नियुक्त से शालाओं में गुणवत्ता तभी बढ़ेगी। एसोसिएशन ने स्कूल शिक्षा विभाग से शीघ्र पोस्टिंग करने का आग्रह किया है।