‘चिंटू’ की एंट्री
चिराग पासवान और जीतन राम मांझी की पार्टी के बीच कुछ मुद्दों पर पिछले कुछ समय से जबरदस्त खींचतान चल रही है। दोनों पार्टियां दलितों का प्रतिनिधित्व करती हैं। दोनों के बीच खींचतान सीटों के बंटवारे का हो, या फिर बिहार में कानून व्यवस्था का, दोनों पार्टी एक दूसरे पर वार पलटवार करने का कोई अवसर नहीं छोड़ रहे हैं। अब तो दोनों के बीच एक काल्पनिक चरित्र चिंटू की भी एंट्री हुई है।
कैसे हुई शुरुआत
चिराग और जीतन राम मांझी की पार्टी के बीच विवाद की शुरुआत चिराग पासवान ने बिहार की कानून व्यवस्था पर सवाल खड़ा करने के साथ हुई। चिराग पासवान ने 12 जुलाई को X पर एक पोस्ट लिखा। उसके करीब दो घंटे बाद ही जीतन राम मांझी ने चिराग का बिना नाम लिए पलटवार करते हुए X पर ही लिखा कि, गठबंधन धर्म का पालन करना चाहिए। इसके बाद फिर क्या था, दोनों पार्टियों के बाकी नेता भी मैदान में उतर आए।
अरुण भारती के पोस्ट पर मचा बवाल
जमुई के सांसद और चिराग पासवान के बहनोई अरुण भारती की ओर से 13 जुलाई को किए पोस्ट के बाद बिहार में तेजी से राजनीतिक तापमान बढ़ गया है। दोनों के दलों के बीच चल रहे आरोप प्रत्यारोप के बीच पहली बार एक काल्पनिक पात्र ‘चिंटू’ की एंट्री हुई है। भारती ने अपने एक्स पोस्ट में लिखा है कि हिंदी फिल्मों में हीरो या विलेन के साथ एक चिंटू होता था जो चाय से ज्यादा केतली गर्म वाली कहावत चरितार्थ करता था. बस , फिर क्या मांझी की पार्टी के एक प्रवक्ता ने पलटवार करते हुए एक बंदर की तस्वीर लगा दी और लिखा, हमारे एक सहयोगी ने चिंटू पाल रखा है। इसके बाद तो इस ‘चिंटू’ को केंद्र में रखकर दोनों पार्टियों के नेता वार पलटवार करने लगे हैं।
दलितों का प्रतिनिधित्व
एनडीए गठबंधन के भीतर सीट बंटवारे को लेकर औपचारिक बातचीत अगस्त में शुरु होनी है। स्वभाविक है कि गठबंधन की सभी पार्टियां अपने लिए ज्यादा से ज्यादा सीटों की मांग करेंगी। बिहार में चिराग पासवान और जीतनराम मांझी, दोनों ही अपने को दलितों का असली प्रतिनिधि के तौर पर पेश करना चाह रहे हैं। इसको लेकर सोशल मीडिया पर इन दोनों के बीच वार जारी है।