सुप्रीम कोर्ट का फैसला
जस्टिस एमएम सुंदरेश और जस्टिस एन कोटिश्वर सिंह की पीठ ने लालू यादव की याचिका खारिज करते हुए कहा कि निचली अदालत में सुनवाई जारी रहेगी। हालांकि, कोर्ट ने उन्हें व्यक्तिगत रूप से निचली अदालत में पेश होने से छूट दी है। सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली हाईकोर्ट से इस मामले में लालू की FIR रद्द करने की याचिका पर जल्द सुनवाई करने का अनुरोध किया। कोर्ट ने अपने आदेश में कहा, “याचिकाकर्ता (लालू प्रसाद यादव) की व्यक्तिगत पेशी माफ की जाती है। हम हाईकोर्ट से अनुरोध करते हैं कि सुनवाई शीघ्र की जाए।”
दिल्ली हाईकोर्ट का रुख
इससे पहले, 29 मई 2025 को दिल्ली हाईकोर्ट ने लालू यादव की निचली अदालत में चल रही कार्यवाही पर रोक लगाने की मांग खारिज कर दी थी। हालांकि, हाईकोर्ट ने उनकी FIR और चार्जशीट रद्द करने की याचिका पर सुनवाई के लिए नोटिस जारी किया था, जिसकी अगली सुनवाई 12 अगस्त 2025 को निर्धारित है। इसी अंतरिम आदेश को चुनौती देने के लिए लालू ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था।
क्या है मामला?
‘जमीन के बदले नौकरी’ घोटाला लालू प्रसाद यादव के रेल मंत्री रहते हुए कथित तौर पर रेलवे में नौकरियों के बदले जमीन लेने से जुड़ा है। इस मामले में CBI ने लालू यादव और उनके परिवार के खिलाफ जांच शुरू की थी। सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले से लालू यादव के खिलाफ कानूनी प्रक्रिया और तेज होने की संभावना है।
दिल्ली हाईकोर्ट की अगली सुनवाई का इंतज़ार
दिल्ली हाईकोर्ट में 12 अगस्त को होने वाली सुनवाई अब इस मामले में महत्वपूर्ण होगी, जहां लालू की FIR और चार्जशीट रद्द करने की मांग पर विचार किया जाएगा। तब तक निचली अदालत में सुनवाई निर्बाध रूप से जारी रहेगी।