इंदिरा गांधी-राजीव गांधी के समय में होती थी वोट चोरी
नारायणस्वामी ने कहा कि राहुल गांधी ने झूठ बोलना इसलिए शुरू किया है क्योंकि झूठ बोलना कांग्रेस पार्टी के लिए धर्म जैसा हो गया है। उन्होंने चुनौती देते हुए कहा, अगर आपके पास सबूत हैं, तो अदालत जाइए। आज के दौर में ऐसी चोरी संभव नहीं है। बैलेट पेपर के जमाने में इंदिरा गांधी, नेहरू और राजीव गांधी के समय में वोट चोरी होती थी। आज ईवीएम के चलते ऐसा करना नामुमकिन है।
‘ईवीएम पर आरोप लगाना कांग्रेस की आदत’
नारायणस्वामी ने राहुल गांधी के बयान को गुमराह करने वाला बताते हुए कहा कि कांग्रेस पहले महाराष्ट्र में ऐसा भ्रम फैला चुकी है और अब बिहार को गुमराह कर रही है। उन्होंने कहा, जब कांग्रेस चुनाव हारती है तो ईवीएम को दोष देती है। महाराष्ट्र चुनाव हारने के बाद सुप्रीम कोर्ट गई, जहां उन्हें फटकार लगी और चुनाव आयोग ने स्थिति स्पष्ट कर दी। उन्होंने कहा कि कांग्रेस को आत्मचिंतन करना चाहिए कि ईवीएम भाजपा नहीं, बल्कि कांग्रेस लेकर आई थी, और अब वही पार्टी इस पर सवाल उठा रही है। उन्होंने सवाल किया, “अगर चुनाव चोरी होते हैं तो कर्नाटक में कांग्रेस की सरकार कैसे बन गई? असल में कांग्रेस चोरी करने में माहिर है, और अब हार का ठीकरा ईवीएम पर फोड़ रही है।”
‘कांग्रेस का चरित्र ही झूठ बोलना है’
नारायणस्वामी ने कहा, “कांग्रेस का असली चरित्र झूठ बोलना है। इस तरह झूठ फैलाकर जनता को गुमराह करने वालों को जेल में डालना चाहिए। राहुल गांधी को देश की जनता को गुमराह करने का अधिकार नहीं है।”
राहुल गांधी का आरोप, ‘देश में चुनाव चोरी हो रहे हैं’
गौरतलब है कि राहुल गांधी ने मंगलवार को लोकसभा में कहा था कि भारत में चुनाव चोरी किए जा रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि महाराष्ट्र में कैसे मैच फिक्सिंग हुई, यह सबको दिखाया गया। कर्नाटक की एक लोकसभा सीट की जांच में बड़े पैमाने पर वोट चोरी का खुलासा हुआ, जिसे जल्द जनता के सामने लाया जाएगा। उन्होंने दावा किया कि बिहार में एसआईआर के नाम पर एससी, एसटी, ओबीसी और अल्पसंख्यकों के वोट चुराए जा रहे हैं।
‘हम चुप नहीं बैठेंगे’
राहुल गांधी ने कहा था, हम चुप नहीं बैठेंगे। इंडिया ब्लॉक संसद से सड़क तक जन अधिकार की लड़ाई लड़ेगा। कुल मिलाकर, राहुल गांधी के बयान पर नारायणस्वामी का यह तीखा पलटवार कांग्रेस और भाजपा के बीच टकराव को और तेज कर गया है। आने वाले दिनों में यह मुद्दा संसद और सड़क दोनों पर राजनीतिक बहस का केंद्र बना रहेगा।