सरकार माने हमारी तीन मांगें
CPIM (लिबरेशन) के नेता महेंद्र परिदा ने IANS से कहा कि छात्रा ने कई बार मुख्यमंत्री मोहन माझी (CM Mohan Majhi), उच्च शिक्षा मंत्री सूर्यबंशी सूरज, केंद्रीय शिक्षा मंत्री धमेंद्र प्रधान (Dharmendra Pradhan), जिला कलेक्टर, पुलिस अधीक्षक, स्थानीय विधायक और सांसद से मदद मांगी, लेकिन किसी ने उनकी शिकायत पर ध्यान नहीं दिया। परिदा ने कहा कि कॉलेज की आंतरिक शिकायत समिति ने आरोपी प्रोफेसर समीर साहू को बर्खास्त करने की सिफारिश की थी, लेकिन प्राचार्य ने इसका विरोध किया। साथ ही, समझौते का दबाव बनाया। परिदा ने तीन प्रमुख मांगें रखीं, जिनमें उच्च शिक्षा मंत्री का इस्तीफा, घटना की न्यायिक जांच और सभी दोषियों को सख्त सजा शामिल हैं। उन्होंने कहा कि ओडिशा में पिछले एक साल में भाजपा सरकार के शासन में महिलाओं और बच्चों के खिलाफ अत्याचार बढ़े हैं और सरकार इसकी अनदेखी कर रही है।
बंद शांतिपूर्ण तरीके से जारी
मामले पर ओडिशा कांग्रेस के नेता प्रदीप महापात्रा ने कहा कि आठ दलों का गठबंधन शांतिपूर्ण तरीके से बंद का आयोजन कर रहा है। ओडिशा की जनता बंद का समर्थन कर रही है। महापात्रा ने कहा कि सरकार को अपनी कार्यशैली सुधारनी चाहिए। उसे लोगों के हित में काम करना चाहिए।
लोगों को हो रही परेशानी
इधर, विपक्ष द्वारा बुलाए गए बंद के कारण लोगों को परेशानी का सामना भी करना पड़ रहा है। प्रदेश की राजधानी भुवनेश्वर में एक छात्र ने मीडिया से कहा कि आज प्रैक्टिकल की परीक्षा थी, लेकिन बंद के कारण उन्हें परीक्षा केंद्र तक पहुंचने में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। एक छात्र ने कहा कि हमें पांच किलोमीटर दूर पैदल चलकर जाना पड़ रहा है।
पिता ने कहा कार्रवाई के बदले मिला सिर्फ आश्वासन
मृतका के पिता ने कहा कि मेरी बेटी कॉलेज में प्रोफेसर की हरकतों से परेशान थी। उसके कई बार इस मामले में शिकायत की, लेकिन कॉलेज प्रबंधन ने कुछ नहीं किया। एक बार अप्रैल में उसकी दोस्त ने भी बताया था कि आरोपी प्रोफेसर गलत कर रहा है। मैंने भी प्रिंसिपल से इस मामले में बात की, लेकिन सिवाय भरोसे के कुछ नहीं मिला। अगर एक्शन होता तो शायद मेरी बेटी जिंदा होती। इस मामले में आरोपी प्रोफेसर समीर राजन साहू पर को गिरफ्तार कर लिया गया है। 14 जुलाई को कॉलेज के तत्कालीन प्रिंसिपल दिलीप कुमार घोष को भी गिरफ्तार कर लिया गया।