भूस्खलन के साथ लगातार बारिश
कल शाम लगभग 7:15 बजे रायालपथरी और ब्रारिमार्ग के बीच स्थित ज़ेड-मोड़ पर एक बड़ी भूस्खलन की घटना हुई थी। इसके चलते अमरनाथ जा रहे यात्रियों की आवाजाही अचानक रोक दी गई थी। इसके चलते सैंकड़ों तीर्थयात्री इस इलाके में फंस गए थे। यहां लगातार बारिश हो रही थी, जिससे यात्रियों को काफी परेशानी का सामना भी उठाना पड़ रहा था।
500 से ज्यादा लोगों को सेना के टैंट में रोका
इन फंसे हुए यात्रियों की रक्षा करने के लिए ब्रारिमार्ग में तैनात भारतीय सेना की टुकड़ी को तुरंत इस इलाके में भेजा गया। सेना ने कुछ ही समय में वहां पहुंच 500 से ज्यादा फंसे हुए लोगों को सुरक्षित वहां से निकाल सेना के टैंट में पहुंचाया। इसके साथ ही सेना ने यात्रियों के आराम का भी पूरा ध्यान रखा और रात में उनके लिए चाय और पानी की व्यवस्था भी की।
3,000 तीर्थयात्रियों को लंगरों में रुकवाया
इसी के साथ सेना ने लगभग 3,000 अतिरिक्त तीर्थयात्रियों को ब्रारीमार्ग और ज़ेड मोड़ के बीच बने लंगरों में सुरक्षित पहुंचाया। यहां यात्रियों को न सिर्फ रहने के लिए सुरक्षित स्थान मिला बल्कि उन्हें गर्म गर्म भोजन भी उपलब्ध कराया गया।
हाथों से मरीज को स्ट्रेचर पर उठाकर लाए जवान
लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने के साथ ही सेना ने भूस्खलन में फंसे एक गंभीर रूप से बीमार तीर्थयात्री की भी जान बचाई। यह यात्री रायलपत्री में दो भूस्खलन-संभावित जगहों के बीच फंसा था। सेना ने तुरंत मौके पर पहुंच कर यात्री को अस्पताल ले जाने की प्रक्रिया शुरु की। बारिश के चलते ढलानों पर बढ़ी फिसलन और खराब मौसम के बावजूद, सेना की त्वरित प्रतिक्रिया टीम के जवान ने हाथों से मरीज को स्ट्रेचर पर उठाकर सुरक्षित स्थान तक पहुंचाया। जवान स्ट्रेचर को खुद उठा कर रायलपत्री लाए और फिर वहां से मरीज को एम्बुलेंस में आगे के इलाज के लिए अस्पताल ले जाया गया।
अब स्थिति नियंत्रण में
ब्रारीमार्ग के कैंप निदेशक और भारतीय सेना के कंपनी कमांडर जैसे वरिष्ठ अधिकारी इस दौरान सेना के साथ मौजूद रहे। अधिकारियों ने पुष्टि की है कि स्थिति अब स्थिर और नियंत्रण में है। उन्होंने बताया कि, क्षेत्र में अभी भी हल्की बारिश जारी है और इसके चलते सेना के जवान पूरी तरह अलर्ट पर हैं।