यह घटना मंगलवार सुबह पाथरी-सेलु मार्ग की है। मामले का खुलासा तब हुआ जब एक राहगीर ने बस से कोई चीज फेंकी जाती देखी और पास जाकर देखा तो वह एक नवजात बच्चा निकला। उसने तुरंत पुलिस को सूचना दी।
पुलिस के अनुसार, युवती की पहचान रितिका ढेरे के रूप में हुई है, जो पुणे से परभणी आ रही थी। उसके साथ अल्ताफ शेख नामक युवक था, जो खुद को उसका पति बता रहा था। यात्रा के दौरान युवती को प्रसव पीड़ा हुई और उसने बस में ही एक बेटे को जन्म दिया।
हालांकि बच्चे के जन्म के कुछ देर बाद ही दोनों ने उसे कपड़े में लपेटा और बस की खिड़की से बाहर फेंक दिया। बस के ड्राइवर ने भी देखा कि खिड़की से कुछ फेंका गया है और जब उसने पूछा तो शेख ने बताया कि उसकी पत्नी को उल्टी हुई थी।
इस बीच, सूचना मिलने के बाद गश्त पर तैनात पुलिस टीम ने बस को कुछ दूर पर रोक लिया और पूछताछ के बाद रितिका ढेरे और अल्ताफ शेख को हिरासत में ले लिया। पूछताछ में दोनों ने अपना कबूल किया कि उन्होंने ने नवजात को नस से फेंका। उन्होंने दावा किया कि वे बच्चे की परवरिश नहीं कर सकते थे। पालन-पोषण में असमर्थ होने के चलते ही उन्होंने उसे फेंक दिया।
पुलिस के अनुसार, दोनों परभणी के रहने वाले हैं और पिछले डेढ़ साल से पुणे में रह रहे थे। वे पति-पत्नी होने का दावा कर रहे हैं, लेकिन उनके पर कोई वैध दस्तावेज नहीं मिला है। फिलहाल युवती को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है। वहीं, पाथरी पुलिस स्टेशन में दोनों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है। फिलहाल पुलिस मामले की हर एंगल से जांच कर रही है।