मुंबई पुलिस ने एनसीपी शरद गुट के वरिष्ठ नेता जितेंद्र आव्हाड के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के अलावा इस मामले में दो और लोगों को गिरफ्तार भी किया है। पुलिस की ओर से की गई इस कार्रवाई के बाद सूबे में राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। हालांकि, घटना के बाद पडलकर ने कहा था, “जो कुछ भी हुआ, मुझे उसका अफसोस है। यह एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना है…मैं खेद व्यक्त करता हूं और माफी मांगता हूं।
दरअसल महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर और विधान परिषद के अध्यक्ष राम शिंदे ने इस पूरी घटना को गंभीरता से लिया है और पूरे घटनाक्रम की रिपोर्ट तलब की है। माना जा रहा है कि इस मामले में दोनों दलों के नेताओं पर अनुशासनात्मक कार्रवाई जल्द हो सकती है। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने भी इस घटना पर विधानसभा अध्यक्ष से सख्त कार्रवाई की मांग की है।
विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने कहा, “विधानभवन के परिसर में जो घटना हुई है वह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है। मैंने इस विषय की पूरी जांच करके रिपोर्ट मांगी है। वह प्राप्त होते ही इस मामले की आगे की कार्रवाई की घोषणा मैं विधानसभा में कि जाएगी।”
क्या है पूरा विवाद?
कुछ दिन पहले जब पूर्व मंत्री जितेंद्र आव्हाड विधानभवन में जा रहे थे, तब उन्होंने “मंगलसूत्र चोर…, मंगलसूत्र चोर…” नारे लगाए थे। हालांकि उन्होंने किसी का नाम नहीं लिया, लेकिन माना जा रहा है कि उनका इशारा बीजेपी विधायक गोपीचंद पडलकर की ओर था। इसके बाद 16 जुलाई को पडलकर और आव्हाड के बीच विधानभवन के गेट पर तीखी बहस हुई। आव्हाड ने आरोप लगाया कि पडलकर ने जानबूझकर अपनी कार का दरवाजा तेजी से खोला, जो सीधे उन्हें और उनके सहयोगी संतोष देशमुख के भाई धनंजय देशमुख को लगी। इसके बाद गुरुवार को दोनों नेताओं के समर्थक आमने-सामने आ गए और विधानभवन की लॉबी में ही झड़प और मारपीट हो गई।
बताया जा रहा है कि दो दिन पहले विधायक पडलकर मीडिया से बात कर रहे थे, तभी विधायक आव्हाड ने उन पर टिप्पणी की थी। दरअसल कुछ साल पहले एक शादी समारोह में हुई एक घटना के बाद, गोपीचंद पडलकर पर ‘मंगलसूत्र चोर’ होने का आरोप लगाया गया था। तब से विरोधी उन्हें यह कहकर चिढ़ाते हैं। आरोप है कि बीजेपी नेता गोपीचंद पडलकर के समर्थक ऋषिकेश टकले और शरद गुट के नेता आव्हाड के समर्थक नितिन देशमुख के बीच हाथापाई हुई। हालांकि मौके पर मौजूद सुरक्षाकर्मियों ने दोनों को पकड़कर पुलिस को सौंप दिया।