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मुंबई

Bank of Baroda के मैनेजर ने बैंक में लगाई फांसी, पत्नी-बेटी से मांगी माफी, कहा- मेरी आंखें दान कर देना

Bank of Baroda Branch Manager Suicide : बैंक ऑफ बड़ौदा के एक मैनेजर ने बैंक के अंदर फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। यह चौंकाने वाली घटना पुणे से सामने आई है। सुसाइड नोट में उन्होंने अपने नेत्रदान की इच्छा व्यक्त की है।

मुंबईJul 18, 2025 / 04:33 pm

Dinesh Dubey

Bank of Baroda Branch Manager Suicide Pune Maharashtra

Bank of Baroda Branch Manager Suicide in Maharashtra

Maharashtra News: महाराष्ट्र के पुणे (Pune News) जिले के बारामती (Baramati) से एक दर्दनाक खबर सामने आई है, जहां बैंक ऑफ बड़ौदा के एक ब्रांच मैनेजर ने अपनी ही बैंक में आत्महत्या कर ली। पुलिस ने बताया कि मुख्य शाखा प्रबंधक शिवशंकर मित्रा (52 वर्ष) ने गुरुवार रात को ब्रांच में मौजूद अपने दफ्तर में ही फांसी लगाकर जान दे दी। मूल रूप से उत्तर प्रदेश के प्रयागराज के रहने वाले शिवशंकर मित्रा बैंक ऑफ बड़ौदा के बारामती की भिगवण रोड शाखा में कार्यरत थे।
घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और मामला दर्ज कर लिया है। हालांकि, आत्महत्या के पीछे का कारण पता लगाने के लिए पुलिस जांच कर रही है और पोस्टमार्टम रिपोर्ट्स के बाद ही आधिकारिक तौर पर पुष्टि की जाएगी। लेकिन मित्रा द्वारा छोड़ी गई सुसाइड नोट से कई बातें सामने आई हैं।

सुसाइड नोट में क्या कहा?

शिवशंकर मित्रा ने अपने सुसाइड नोट में लिखा, “मैं शिवशंकर मित्रा, बैंक ऑफ बड़ौदा, बारामती शाखा का मुख्य प्रबंधक, आज बैंक के अत्यधिक काम के दबाव के चलते आत्महत्या कर रहा हूं। मेरी बैंक से विनती है कि कर्मचारियों पर अनावश्यक दबाव न डाला जाए। सभी कर्मचारी अपनी जिम्मेदारी समझते हैं और पूरी मेहनत से काम करते हैं। वह अपना 100 फीसदी देते हैं।”
उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि वे अपनी इच्छा से आत्महत्या कर रहे हैं। इसमें उनके परिवार का कोई दोष नहीं है। वह सिर्फ बैंक के अत्यधिक दबाव के चलते यह कदम उठा रहें है। उन्होंने आगे लिखा, “मेरी पत्नी प्रिया और बेटी माही मुझे माफ करना। हो सके तो मेरी आंखें दान कर देना”

बैंक से मांगा था VRS

जानकारी के अनुसार, मित्रा ने आत्महत्या से पांच दिन पहले ही बैंक प्रबंधन को पत्र लिखकर स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति (VRS) की मांग की थी, क्योंकि वे बढ़ते दबाव से मानसिक रूप से टूट चुके थे। लेकिन बैंक से उन्हें कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली, जिससे निराश होकर उन्होंने यह कठोर कदम उठाया।
फिलहाल पुणे पुलिस ने मामला दर्ज किया है और मामले की जांच कर रही है। मित्रा की आत्महत्या ने बैंकिंग क्षेत्र में काम करने वाले कर्मचारियों पर पड़ रहे मानसिक दबाव और काम के तनाव को एक बार फिर उजागर कर दिया है। यह दुखद घटना कई गंभीर सवाल खड़े कर रही है।

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