Yoga For Rib Cage: आज की तेज रफ्तार जिंदगी में हमारी जीवनशैली अक्सर बिगड़ जाती है। जैसे कि घंटों कंप्यूटर के सामने बैठना, झुककर काम करना या फिर गलत पोस्चर में सोना ।ये सब मिलकर शरीर में कई प्रकार की समस्याएं पैदा कर सकते हैं। इन्हीं में से एक आम लेकिन अक्सर नजरअंदाज की जाने वाली समस्या है पसलियों में दर्द।ऐसे में कई लोग दवाइयों का सहारा लेना पसंद करते हैं, लेकिन योग से प्राकृतिक रूप से अपने पसलियों के दर्द को दूर किया जा सकता है। योग न केवल शरीर को लचीला बनाता है, बल्कि आंतरिक अंगों को मजबूती और राहत भी देता है। कुछ खास योगासन ऐसे हैं जो पसलियों के चारों ओर की मांसपेशियों को खींचते और आराम देता हैं, जिससे दर्द कम होता है और रक्त संचार बेहतर होता है। आइए जानते हैं कुछ प्रभावी योगासनों के बारे में।
पसलियों के आसपास दर्द महसूस होना सिर्फ हड्डियों या मांसपेशियों की थकावट का नतीजा नहीं होता, बल्कि यह आपके शरीर के तनाव, कमजोरी या सांस संबंधी दिक्कतों का भी संकेत हो सकता है। यह दर्द धीरे-धीरे तेज भी हो सकता है और आपकी नींद, सांस लेने की प्रक्रिया और सामान्य दिनचर्या को बुरी तरह प्रभावित कर सकता है।
यह एक आसान लेकिन प्रभावी योग मुद्रा है जो पूरे शरीर, खासकर पीठ और पसलियों के आसपास की मांसपेशियों को गहरी राहत देती है। इसे करने के लिए घुटनों के बल बैठें और धीरे-धीरे शरीर को आगे झुकाते हुए माथे को जमीन से लगाएं। दोनों हाथ आगे की ओर फैलाएं या शरीर के पास रखें। यह मुद्रा छाती को फैलने का मौका देती है और पसलियों के आसपास खिंचाव लाकर वहां की जकड़न को कम करती है। साथ ही यह मानसिक तनाव और थकान को भी दूर करती है।
यह आसन रीढ़ और पसलियों को लचीला बनाने के लिए बहुत फायदेमंद है। इसे करने के लिए हाथ और घुटनों के बल टेबलटॉप स्थिति में आ जाएं। सांस लेते हुए पीठ को नीचे झुकाएं और सिर को ऊपर उठाएं (Cow Pose), फिर सांस छोड़ते हुए पीठ को ऊपर गोल करें और सिर नीचे झुकाएं (Cat Pose)। यह अभ्यास छाती और पसलियों के क्षेत्र में हल्का-सा खिंचाव पैदा करता है जो दर्द, अकड़न और जमे हुए तनाव को दूर करता है। यह आसन सांसों के बहाव को भी बेहतर करता है, जिससे फेफड़ों की क्षमता बढ़ती है।
इस आसन में पीठ के बल लेटकर घुटनों को मोड़ा जाता है और धीरे-धीरे कूल्हों को ऊपर उठाया जाता है, जिससे छाती ऊपर की ओर खुलती है। यह मुद्रा पसलियों और छाती के क्षेत्र में रक्त प्रवाह को बेहतर बनाती है और मांसपेशियों को मजबूती प्रदान करती है। यह फेफड़ों को सक्रिय करती है जिससे गहरी सांस लेने में सहूलियत मिलती है।
यह बैठकर किया जाने वाला ट्विस्टिंग आसन है जिसमें कमर और छाती को एक ओर मोड़ा जाता है। इससे पसलियों के आसपास की मांसपेशियों में गहरा खिंचाव आता है और जकड़न खुलती है। यह आसन रीढ़ को ऊर्जा और लचीलापन देता है। इसे ध्यानपूर्वक और धीरे-धीरे करना चाहिए।
वक्रासन भी एक मरोड़ने वाली मुद्रा है जो रीढ़, पेट और छाती के हिस्से को सक्रिय करती है। शरीर को मोड़ने से पसलियों के आसपास खिंचाव आता है, जिससे दर्द कम होता है और वह क्षेत्र सक्रिय होता है। यह आसन शरीर को डिटॉक्स करने में भी सहायक माना जाता है।
यह आसन पेट के बल लेटकर किया जाता है जिसमें शरीर को धीरे-धीरे ऊपर उठाया जाता है और छाती को खोलने की कोशिश की जाती है। यह मुद्रा छाती, पेट और पसलियों के ऊपरी हिस्से को खींचती है। यह रीढ़ की मजबूती, फेफड़ों की क्षमता और श्वसन स्वास्थ्य को बेहतर बनाती है।
योगाभ्यास का समापन शवासन से करना जरूरी होता है क्योंकि यह शरीर को पूरी तरह से आराम देता है। इस आसन में पीठ के बल लेटकर आंखें बंद कर ली जाती हैं और शरीर को ढीला छोड़ दिया जाता है। यह शरीर को मानसिक और शारीरिक रूप से गहरी शांति देता है और मांसपेशियों में जमा तनाव को दूर करता है।
डिसक्लेमरः इस लेख में दी गई जानकारी का उद्देश्य केवल रोगों और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के प्रति जागरूकता लाना है। यह किसी क्वालीफाइड मेडिकल ऑपिनियन का विकल्प नहीं है। इसलिए पाठकों को सलाह दी जाती है कि वह कोई भी दवा, उपचार या नुस्खे को अपनी मर्जी से ना आजमाएं बल्कि इस बारे में उस चिकित्सा पैथी से संबंधित एक्सपर्ट या डॉक्टर की सलाह जरूर ले लें।
Updated on:
15 Jul 2025 10:53 am
Published on:
15 Jul 2025 09:46 am