Dark Circles Removal Food: आंखों के नीचे काले घेरे (Dark Circles) आजकल सिर्फ नींद की कमी नहीं, बल्कि खानपान और लाइफस्टाइल से जुड़ी कई समस्याओं का संकेत बन चुके हैं। थकावट, तनाव, डिहाइड्रेशन और पोषण की कमी जैसी वजहों से चेहरे की खूबसूरती फीकी पड़ जाती है। खासकर जब डार्क सर्कल्स गहरे हो जाते हैं, तो चेहरा थका-थका और उम्र से बड़ा लगने लगता है। अच्छी बात यह है कि कुछ खास फूड्स को डाइट में शामिल करके इनसे राहत पाई जा सकती है।नीचे दिए गए फूड्स आपकी स्किन खासकर आंखों के नीचे की नाजुक त्वचा को पोषण देकर काले घेरों को कम करने में मदद कर सकते हैं।
टमाटर में पाया जाने वाला लाइकोपीन स्किन को सन डैमेज से बचाता है और त्वचा की रंगत सुधारता है। यह डार्क सर्कल्स को हल्का करने में मदद करता है और सूजन भी कम करता है। आप टमाटर को सलाद में, जूस के रूप में या स्मूदी में शामिल कर सकते हैं।
खीरे में 90% से अधिक पानी होता है, जो त्वचा को हाइड्रेट रखने में मदद करता है। साथ ही यह आंखों के आसपास सूजन और कालापन कम करता है। खीरे का नियमित सेवन और खीरे के स्लाइस को आंखों पर रखने से डबल फायदा मिलता है।
बादाम में मौजूद विटामिन E स्किन रिपेयर और टिशू रीजनरेशन में सहायक होता है। यह डार्क सर्कल्स को कम करने के साथ-साथ स्किन को हेल्दी ग्लो भी देता है। रोज सुबह भीगे हुए 4-5 बादाम खाना फायदेमंद होता है।
डार्क सर्कल्स का एक कारण आयरन की कमी भी हो सकती है। पालक, मेथी और ब्रोकली जैसी सब्जियां न सिर्फ आयरन से भरपूर हैं बल्कि इनमें विटामिन K भी होता है, जो आंखों के नीचे की त्वचा को मजबूती और पोषण देता है।
विटामिन C कोलेजन प्रोडक्शन को बढ़ाता है और स्किन की इलास्टिसिटी को सुधारता है। नींबू पानी या आंवला जूस का रोज सेवन करने से आंखों के नीचे की स्किन ब्राइट होती है और काले घेरे कम हो सकते हैं।
-दिन में 2-3 बार ठंडे पानी से आंखें धोना सूजन और थकान को कम करता है।
-रात को सोने से पहले आंखों के नीचे हल्के हाथों से क्रीम लगाएं।
-रोजाना 7–8 घंटे की नींद आंखों की थकावट और डार्क सर्कल्स से बचाती है।
-धूप में निकलते समय UV प्रोटेक्शन वाले चश्मे का इस्तेमाल करें।
-सोने से पहले आई मेकअप जरूर हटाएं ताकि आंखों को नुकसान न हो।
-ऑयल या क्रीम से हल्की मसाज ब्लड सर्कुलेशन बेहतर करती है।
डिसक्लेमरः इस लेख में दी गई जानकारी का उद्देश्य केवल रोगों और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के प्रति जागरूकता लाना है। यह किसी क्वालीफाइड मेडिकल ऑपिनियन का विकल्प नहीं है। इसलिए पाठकों को सलाह दी जाती है कि वह कोई भी दवा, उपचार या नुस्खे को अपनी मर्जी से ना आजमाएं बल्कि इस बारे में उस चिकित्सा पैथी से संबंधित एक्सपर्ट या डॉक्टर की सलाह जरूर ले लें।
Updated on:
23 Jul 2025 09:59 am
Published on:
23 Jul 2025 09:58 am