Benefits of Cooking in Clay Pots During Month of Sawan : बदलते दौर में भले ही हमारी रसोई गैस और मॉडर्न कुकवेयर से भर गई हो लेकिन मिट्टी के बर्तनों में खाना बनाने का अपना ही एक अलग मजा है। क्या आप जानते हैं हमारी दादी-नानियां जिस तरीके से खाना बनाती थीं वह सिर्फ स्वाद के लिए ही नहीं बल्कि हमारी सेहत के लिए भी बेहद फायदेमंद था? खासकर, सावन (Sawan2025) के महीने में जब चारों तरफ हरियाली और पवित्रता का माहौल होता है मिट्टी के बर्तन में पका खाना और भी खास हो जाता है। आइए, जानते हैं क्यों खास है सावन के महीने खाना बनाने का यह पारंपरिक तरीका और विज्ञान भी इसे क्यों मानता है सही। (Mitti Ke Bartan Me Khana Khane Ke Fayde)
भारत में मिट्टी के बर्तनों का (Benefits of Cooking in Clay Pots) इस्तेमाल आज से नहीं बल्कि हजारों सालों से हो रहा है। हड़प्पा सभ्यता से लेकर आज तक, इन बर्तनों ने हमारी रसोई में अहम भूमिका निभाई है। गांव-देहात में आज भी दूध, दही और कई चीजें मिट्टी के बर्तनों में ही रखी जाती हैं और अब तो शहरों में भी लोग सेहत के प्रति जागरूक होकर फिर से इनका रुख कर रहे हैं। ऐसा क्यों? क्योंकि ये सिर्फ बर्तन नहीं बल्कि सेहत और स्वाद का खजाना हैं!
मिट्टी के बर्तनों की सबसे बड़ी खासियत है धीमी गति से खाना पकाना (Slow Cooking)। ये बर्तन गर्मी और नमी को धीरे-धीरे पूरे बर्तन में फैलाते हैं जिससे खाना समान रूप से पकता है। इसका नतीजा? मसालों और सब्जियों का स्वाद और सुगंध खाने में गहराई तक उतर जाता है जिससे खाने का जायका कई गुना बढ़ जाता है। क्या आपने कभी मिट्टी के बर्तन में बनी दाल या करी खाई है? उसका स्वाद आपको याद रह जाएगा।
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मिट्टी में क्षारीय गुण (Alkaline Properties) होते हैं। जब आप इसमें खाना बनाते हैं तो यह भोजन में मौजूद एसिड के साथ प्रतिक्रिया करके उसके pH स्तर को संतुलित करता है। इससे खाना ज्यादा पाचक और स्वादिष्ट बनता है। टमाटर जैसी अम्लीय चीजें भी मिट्टी के बर्तन में पकने पर अपनी प्राकृतिक मिठास बरकरार रखती हैं।
धातु के बर्तनों में अक्सर तेज़ आंच पर खाना पकाने से पोषक तत्व नष्ट हो जाते हैं। लेकिन मिट्टी के बर्तनों में धीमी आंच पर पकने के कारण भोजन में मौजूद आयरन, सल्फर, कैल्शियम और मैग्नीशियम जैसे महत्वपूर्ण खनिज और पोषक तत्व (Minerals and Nutrients) सुरक्षित रहते हैं।
मिट्टी के बर्तन में खाना पकाने के लिए बहुत कम तेल और पानी की जरूरत होती है। ऐसा इसलिए क्योंकि ये बर्तन भोजन की नमी को बनाए रखते हैं। इससे न केवल आप कम तेल में स्वादिष्ट खाना बना पाते हैं, बल्कि प्राकृतिक तेल भी नष्ट नहीं होते, जो दिल की सेहत के लिए बेहद फायदेमंद है।
एक और बड़ा फायदा यह है कि मिट्टी के बर्तन में खाना लंबे समय तक गर्म रहता है (Retains Heat Longer)। चाहे आप इसे सावन की बारिश में बाहर पिकनिक पर ले जाएं या घर पर ही परोसें, आपका खाना गरमा गरम रहेगा।
आधुनिक विज्ञान भी मिट्टी के बर्तनों में खाना बनाने के फायदों को स्वीकार करता है।
चूंकि मिट्टी के बर्तन में खाना कम तेल में पकता है और प्राकृतिक तेल भी नष्ट नहीं होते यह दिल के लिए बहुत फायदेमंद (Good for Heart Health) है। दिल की बीमारियों से जूझ रहे लोगों को तो खास तौर पर इसमें बने भोजन का सेवन करना चाहिए।
मधुमेह (Diabetes) से पीड़ित व्यक्तियों के लिए भी मिट्टी के बर्तन में बना भोजन लाभकारी है। धीमी गति से खाना पकने के कारण यह इंसुलिन के उत्पादन (Insulin Production) को संतुलित रखने में मदद करता है और शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता (Immunity) को भी बेहतर बनाता है।
मिट्टी के बर्तनों में मौजूद प्राकृतिक अल्कलाइन गुण भोजन के pH स्तर को संतुलित रखते हैं, जिससे एसिडिटी (Acidity) की समस्या का खतरा कम होता है। अगर आप अक्सर एसिडिटी से परेशान रहते हैं, तो एक बार मिट्टी के बर्तन में बना खाना ट्राई करें।
सिर्फ हमारी सेहत ही नहीं मिट्टी के बर्तन पर्यावरण के लिए भी काफी फायदेमंद (Environmentally Friendly) होते हैं। ये प्राकृतिक और बायोडिग्रेडेबल होते हैं जिससे प्रदूषण कम होता है।
तो इस सावन (Sawan2025 अपनी रसोई में मिट्टी के बर्तनों को एक बार फिर जगह दीजिए। न सिर्फ आप अपनी सेहत में सुधार देखेंगे बल्कि आपके खाने का स्वाद भी एक नई ऊंचाई छू लेगा। आखिर कुछ पुरानी चीजें हमेशा बेहतर होती हैं!
Updated on:
06 Jul 2025 11:02 am
Published on:
06 Jul 2025 11:01 am