Rajasthan: प्रिंसिपल ने लेट पहुंचने का नोटिस दिया तो दूसरे दिन लाठी लेकर पहुंचा बाबू, स्कूल में हुई गाली-गलौज और हाथापाई
Senior Assistant Beat School Principal: आरोप है कि बाबू ने गाली-गलौज करते हुए जान से मारने की धमकी दी। वहीं, जगदीशराम ने भी प्रधानाचार्य व दो अन्य शिक्षकों के खिलाफ मारपीट की रिपोर्ट दर्ज करवाई है।
ज्ञान के मंदिर कहे जाने वाले विद्यालयों में जब शिक्षक ही अनुशासन को ताक पर रखकर हाथापाई पर उतर आएं, तो शिक्षा के प्रति समाज का विश्वास डगमगाना स्वाभाविक है। ऐसा ही एक चिंताजनक मामला शुक्रवार को लाडनूं तहसील के धोलिया गांव स्थित राजकीय नंदलाल दाधीच उच्च माध्यमिक विद्यालय में सामने आया, जहां विद्यालय समय में ही प्रधानाचार्य व वरिष्ठ सहायक के बीच कहासुनी के बाद मारपीट हो गई। विद्यालय परिसर में हुई इस घटना से शिक्षकों व विद्यार्थियों में हड़कंप मच गया। विद्यार्थियों के समक्ष खुलेआम हुई हाथापाई ने न केवल स्कूल के अनुशासन को तार-तार किया, बल्कि बच्चों में भय का माहौल भी पैदा कर दिया है।
जानकारी के अनुसार प्रधानाचार्य नरेंद्र जाखड़ ने पुलिस थाने में दी रिपोर्ट में बताया कि वरिष्ठ सहायक (बाबू) जगदीशराम 16 जुलाई को विद्यालय में देरी से पहुंचा था, जिस पर उसे नोटिस जारी किया गया। इसी बात से नाराज होकर जगदीशराम अगले दिन लाठी लेकर कार्यालय में पहुंचा और प्रधानाचार्य पर हमला कर दिया। इस दौरान पास ही की कक्षाओं में पढ़ा रहे अन्य शिक्षकों ने बीच-बचाव कर मामला शांत कराया। लेकिन, आरोप है कि बाबू ने गाली-गलौज करते हुए जान से मारने की धमकी दी। वहीं, जगदीशराम ने भी प्रधानाचार्य व दो अन्य शिक्षकों के खिलाफ मारपीट की रिपोर्ट दर्ज करवाई है। पुलिस ने दोनों पक्षों की शिकायत पर मामला दर्ज कर जांच प्रारंभ कर दी है।
शिक्षा विभाग भी कर रहा है स्वतंत्र जांच
घटना की गंभीरता को देखते हुए शिक्षा विभाग ने भी अलग से जांच शुरू की है। मुख्य ब्लॉक शिक्षा अधिकारी प्रह्लाद राय शनिवार को स्वयं विद्यालय पहुंचे और घटनास्थल पर मौजूद समस्त स्टाफ से लिखित में बयान मांगे हैं। सीबीईओ ने शिक्षकों को नोटिस जारी कर स्पष्ट किया है कि घटना के संबंध में उनके लिखित बयान जांच का हिस्सा बनेंगे और कोई भी द्वेषपूर्ण या भ्रामक तथ्य सामने आने पर संबंधित व्यक्ति के खिलाफ विभागीय कार्रवाई की जाएगी।
ग्रामवासियों ने जताया रोष
घटना को लेकर ग्रामवासियों में भी गहरा रोष है। ग्रामीणों ने विद्यालय में अनुशासनहीनता पर नाराजगी जताते हुए मांग की है कि विद्यार्थियों के भविष्य के हित में ऐसे कर्मचारियों को तत्काल हटाया जाए। ग्रामीणों का कहना है कि विद्यालय का माहौल बिगाड़ने वालों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। वैसे देख जाए तो विद्यालय शिक्षा का केंद्र होता है, न कि शक्ति प्रदर्शन का मंच। यदि शिक्षक ही संयम और मर्यादा खो दें, तो विद्यार्थियों को कौन दिशा दिखाएगा? शिक्षा विभाग को इस मामले में सख्त कदम उठाने होंगे, ताकि ऐसे दुर्व्यवहार पर रोक लगाई जा सके।
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