scriptMonsoon Update : कनक सागर बांध ओवरफ्लो, दुगारी गांव में घुसा पानी, एक व्यक्ति बहा | Monsoon Update, Kanak Sagar dam overflows in Bundi, water enters Dugari village, one person washed away | Patrika News
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Monsoon Update : कनक सागर बांध ओवरफ्लो, दुगारी गांव में घुसा पानी, एक व्यक्ति बहा

सोरण बांध टूटने से सांवगतगढ़ में घुसा पानी, बूंदी जिला मुख्यालय से कई गांवों का टूटा सम्पर्क, मेज नदी भी उफान पर

कोटाJul 19, 2025 / 07:21 pm

shailendra tiwari

Bundi Rain News Patrika

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हाड़ौती अंचल में शुक्रवार रात हुई झमाझम बारिश ने चारों ओर पानी-पानी कर दिया। हालांकि तीन दिन बाद शनिवार को बारिश नहीं होने से कुछ राहत मिली। बूंदी जिले के नैनवां क्षेत्र में देर रात तक हुई बारिश के चलते दुगारी गांव में बाढ़ जैसे हालात पैदा हो गए। यहां पर कनक सागर बांध का पानी ओवरफ्लो होकर दुगारी गांव में घुस गया। इस दौरान गांव का एक जना पानी में बह गया, जिसकी तलाश जारी है।
कनक सागर बांध पर ढाई फीट की चादर चल रही है। ऐसे में नैनवां-बांसी दुगारी मार्ग अवरुद्ध हो गया। दुगारी के मुख्य बाजार में चार फीट पानी चल रहा है। ऐसे में कई मकानों व दुकानों में पानी घुस गया। नैनवां उपखण्ड के बाछोला का ग्वाला तालाब की पाल बह गई। तालाब के टूटने का खतरा मंडराने लगा है। जिला कलक्टर ने मौका मुआयना किया है।
वहीं लगातार हो रही बारिश से तीन नदियां उफान पर होने से कई गांवों का जिला मुख्यालय से संपर्क कटा हुआ है। घोड़ा पछाड़, कुरेल नदियों में शुक्रवार रात से ही पानी की आवक बढऩे के बाद लीलेडा से साथेली केशवरायपाटन मार्ग बंद है। कुरेल नदी पर अंथडा बथवाड़ा मार्ग व ऐबरा रायथल मार्ग बंद है। खटकड़ में मेज नदी उफान पर है। पुलिया पर 8 से 10 फीट पानी आने से आवागमन बंद है। शनिवार सुबह हुई तेज बारिश से सोरण बांध टूटने से सांवगतगढ़ में बाढ़ जैसे हालात पैदा हो गए हैं।

बूंदी शहर में जैतसागर का नाला उफान पर रहने से शनिवार को दूसरे दिन भी बीबनवां रोड व देवपुरा क्षेत्र में कॉलोनियों में पानी भरा रहा। पुलिया पर पानी आने से लोग जान जोखिम में डालकर पुलिया पार करते रहे। शनिवार सुबह आठ बजे तक बूंदी में 31, तालेड़ा में 17, केशवरायपाटन में 25, इन्द्रगढ़ में 111, नैनवां में 234, हिण्डोली में 22, रायथल में 27 एमएम बारिश दर्ज की गई।
तीन दिन बाद मिली बरसात से राहत

कोटा, बारां, बूंदी व झालावाड़ में पिछले तीन दिन से लगातार हो रही बरसात से लोगों को शनिवार को राहत मिली। मौसम विभाग ने शनिवार को भारी बारिश का रेड अलर्ट जारी किया था। इसके चलते जिला कलक्टर ने शनिवार को स्कूलों और आंगनबाड़ी केन्द्रों में बच्चों की छुट्टी कर दी, लेकिन शनिवार सुबह लोगों की नींद खुली तो आसमां साफ नजर आया। सूर्यदेव निकले और धूप निकली। दिनभर मौसम साफ रहने और बारिश थमने से लोगों ने राहत महसूस की। कई निचले इलाकों में भरा पानी निकल गया।
कोटा-कैथून मार्ग बहाल
कोटा जिले में देर रात तक बरसात का दौर जारी रहा। बीते 24 घंटे में कोटा शहर में 51, चेचट में 24, दीगोद में 9, कनवास में 44, खातौली में 85, लाडपुरा में 22, मंडाना में 73, पीपल्दा में 93, रामगंजमंडी में 26, सांगोद में 5, सुल्तानपुर में 30 एमएम बरसात दर्ज की गई। कैथून में चन्द्रलोई नदी का पानी उतरने से कोटा-कैथून मार्ग बहाल हो गया। इटावा क्षेत्र के गांवों में रात को भारी बारिश के चलते शोभागपुरा गांव में खेतों में पानी भर गया। इससे फसलें नष्ट हो गई। अरण्डखेडा के समीप कोटा-कनवास मुख्य सड़क पर नागोड के पानी के बहाव में जान जोखिम में डालकर वाहन चालक निकलते दिखे। कनवास क्षेत्र में सावनभादो डेम में 12.40 मीटर पानी की आवक होने से क्षेत्र के किसानों में खुशी की लहर दौड़ने लगी है। सावन भादो डेम की भराव क्षमता 13.60 मीटर है।
भारी बारिश का दौर थमा, राहत के आसार
जयपुर मौसम केंद्र के अनुसार, पूर्वी राजस्थान के ऊपर बना डिप्रेशन धीरे-धीरे पश्चिमी हिस्सों की ओर बढ़ रहा है और अगले 6 घंटों में यह कमजोर होकर स्पष्ट कम दबाव का क्षेत्र बन सकता है। इससे जोधपुर संभाग में कुछ स्थानों पर भारी से अतिभारी बारिश, अजमेर और उदयपुर संभाग में मध्यम से भारी बारिश की संभावना बनी हुई है। हालांकि भरतपुर, जयपुर, कोटा और बीकानेर संभाग में बारिश की गतिविधियों में कमी आने के संकेत हैं। मौसम विभाग ने स्पष्ट किया है कि 20 जुलाई से पूरे राज्य में बारिश की तीव्रता में तेजी से गिरावट आएगी और एक सप्ताह तक भारी बारिश से राहत मिलने की संभावना है। हालांकि, 27-28 जुलाई के आसपास पूर्वी राजस्थान में एक नया भारी बारिश का दौर पुनः सक्रिय हो सकता है।

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