बूंदी शहर में जैतसागर का नाला उफान पर रहने से शनिवार को दूसरे दिन भी बीबनवां रोड व देवपुरा क्षेत्र में कॉलोनियों में पानी भरा रहा। पुलिया पर पानी आने से लोग जान जोखिम में डालकर पुलिया पार करते रहे। शनिवार सुबह आठ बजे तक बूंदी में 31, तालेड़ा में 17, केशवरायपाटन में 25, इन्द्रगढ़ में 111, नैनवां में 234, हिण्डोली में 22, रायथल में 27 एमएम बारिश दर्ज की गई।
कोटा जिले में देर रात तक बरसात का दौर जारी रहा। बीते 24 घंटे में कोटा शहर में 51, चेचट में 24, दीगोद में 9, कनवास में 44, खातौली में 85, लाडपुरा में 22, मंडाना में 73, पीपल्दा में 93, रामगंजमंडी में 26, सांगोद में 5, सुल्तानपुर में 30 एमएम बरसात दर्ज की गई। कैथून में चन्द्रलोई नदी का पानी उतरने से कोटा-कैथून मार्ग बहाल हो गया। इटावा क्षेत्र के गांवों में रात को भारी बारिश के चलते शोभागपुरा गांव में खेतों में पानी भर गया। इससे फसलें नष्ट हो गई। अरण्डखेडा के समीप कोटा-कनवास मुख्य सड़क पर नागोड के पानी के बहाव में जान जोखिम में डालकर वाहन चालक निकलते दिखे। कनवास क्षेत्र में सावनभादो डेम में 12.40 मीटर पानी की आवक होने से क्षेत्र के किसानों में खुशी की लहर दौड़ने लगी है। सावन भादो डेम की भराव क्षमता 13.60 मीटर है।
जयपुर मौसम केंद्र के अनुसार, पूर्वी राजस्थान के ऊपर बना डिप्रेशन धीरे-धीरे पश्चिमी हिस्सों की ओर बढ़ रहा है और अगले 6 घंटों में यह कमजोर होकर स्पष्ट कम दबाव का क्षेत्र बन सकता है। इससे जोधपुर संभाग में कुछ स्थानों पर भारी से अतिभारी बारिश, अजमेर और उदयपुर संभाग में मध्यम से भारी बारिश की संभावना बनी हुई है। हालांकि भरतपुर, जयपुर, कोटा और बीकानेर संभाग में बारिश की गतिविधियों में कमी आने के संकेत हैं। मौसम विभाग ने स्पष्ट किया है कि 20 जुलाई से पूरे राज्य में बारिश की तीव्रता में तेजी से गिरावट आएगी और एक सप्ताह तक भारी बारिश से राहत मिलने की संभावना है। हालांकि, 27-28 जुलाई के आसपास पूर्वी राजस्थान में एक नया भारी बारिश का दौर पुनः सक्रिय हो सकता है।