गिरफ्तार अभियुक्त का परिचय
गिरफ्तार अभियुक्त की पहचान वसीम इसाक शाह पुत्र इसाक शाह, निवासी मग खाजा मलवलगांव, कन्जाकला, थाना कोतवाली नगर, जनपद जौनपुर के रूप में हुई है। वर्तमान में वह मुम्बई के मालवानी मलाड वेस्ट के न्यू कलेक्टर कम्पाउंड स्थित प्लॉट नंबर 39, रूम नंबर 66, गट नंबर 06 में निवास करता था। वसीम इसाक मुम्बई के पल्हार थाना क्षेत्र में पंजीकृत अपराध संख्या 263/23, धारा 339(3)/331(4)/305 बीएनएस में वांछित था। मुम्बई पुलिस की ओर से एसटीएफ से अभियुक्त की गिरफ्तारी में सहयोग हेतु संपर्क किया गया था, जिसके बाद कार्रवाई को अंजाम दिया गया।
गिरफ्तारी का विवरण
दिनांक 18 जुलाई 2025 को पूर्वान्ह 11:30 बजे, थाना कोतवाली नगर जौनपुर के अंतर्गत अकबर पैलेस के पास से अभियुक्त को गिरफ्तार किया गया। गिरफ्तार करने वाली टीम में निरीक्षक श्री रिलीप तिवारी के नेतृत्व में उपनिरीक्षक श्री विनोद कुमार सिंह, अशोक गुप्ता, राजेश मौर्य, कौशलेन्द्र सिंह व चालक कुंवरश कुमार शामिल रहे। यह कार्रवाई श्री अमित कुमार नागर, अपर पुलिस अधीक्षक, एसटीएफ लखनऊ के पर्यवेक्षण में की गई। बरामदगी
अभियुक्त के कब्जे से चोरी किए गए बहुमूल्य आभूषण और नगद धनराशि बरामद की गई, जिनमें शामिल हैं:
- तीन अदद पीली धातु की माथ वेदी
- एक जोड़ी कान के बाले
- एक कान का टप्पा
- एक नाक की कोल
- एक अदद ताबीज
- एक सोने की अंगूठी
- सात अदद गोल सोने के दाने
- ₹4200 नकद
अपराध इतिहास
पूछताछ के दौरान वसीम इसाक ने कबूल किया कि वह बीते 20 वर्षों से सक्रिय रूप से चोरी और छिनैती की घटनाओं को अंजाम देता आ रहा है। उसने वर्ष 2006 में पहली बार चोरी की घटना को अंजाम दिया था, जिसके बाद वह जेल गया। 2011 में वह एक रेप केस में भी गिरफ्तार हुआ, जबकि 2016 में पड़ोसी पर जानलेवा हमला करने के जुर्म में भी उसे जेल की सजा हुई।
जेल से रिहा होने के बाद उसने संगठित तरीके से अपराध को अंजाम देने हेतु एक गैंग का गठन किया, जिसमें उसकी महिला मित्र नेहा और अन्य सहयोगी शामिल थे। गैंग की कार्यप्रणाली काफी सुनियोजित थी। महिलाओं को मोहरा बनाकर, लोगों को जाल में फंसाया जाता था और सुनसान जगहों पर ले जाकर लूटपाट की जाती थी।
महिलाओं के सहारे गैंग चलाने की रणनीति
अभियुक्त ने बताया कि उसकी दो पत्नियां हैं, पहली जौनपुर में और दूसरी आफरीन मुंबई में रहती है। आफरीन घरों में साफ-सफाई का काम करने के बहाने विभिन्न घरों की जानकारी हासिल करती थी और चोरी की योजना बनाती थी। गैंग की महिलाएं लोगों को फांसने के लिए ‘हनी ट्रैप’ का उपयोग करती थीं। लोगों को अकेले में बुलाकर उन्हें लूट लिया जाता था। पीड़ित, विशेषकर पुरुष, शर्मिंदगी के चलते पुलिस में शिकायत नहीं करते थे, जिससे कई घटनाएं रिपोर्ट ही नहीं हो पाती थीं।
मुम्बई-जौनपुर नेटवर्क
वसीम ने पूछताछ में बताया कि चोरी और लूट की घटनाओं से जो धन अर्जित किया गया, उसका उपयोग मुम्बई व जौनपुर में संपत्ति खरीदने में किया गया। जौनपुर में उसने मकान बनवाया, जबकि मुम्बई में उसने अपने गैंग के लिए कई ठिकाने तैयार किए। चोरी का माल वह विभिन्न बाजारों में बेच देता था। यह गैंग मुम्बई, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, बिहार, राजस्थान आदि राज्यों में सक्रिय था।
आगे की कार्रवाई
गिरफ्तार अभियुक्त के विरुद्ध विधिक कार्यवाही करते हुए मुम्बई पुलिस को सूचना दे दी गई है, जो उसे रिमांड पर लेकर आगे की तफ्तीश करेगी। मुम्बई पुलिस के अनुसार वसीम इसाक पर दर्जनों गंभीर आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं और वह एक लम्बे समय से फरार चल रहा था। एसटीएफ द्वारा की गई इस गिरफ्तारी को अन्तर्राज्यीय संगठित अपराध के विरुद्ध एक बड़ी सफलता के रूप में देखा जा रहा है। पुलिस का कहना है कि इस गिरफ्तारी से अन्य गैंग सदस्यों की धरपकड़ की भी संभावनाएं प्रबल हो गई हैं। नोट: पुलिस अधिकारियों का कहना है कि आम नागरिकों को सजग रहने की जरूरत है। किसी भी अनजान व्यक्ति पर जल्दी विश्वास न करें और संदिग्ध गतिविधियों की सूचना तत्काल पुलिस को दें।