CM साय ने दिया सहारा
मुख्यमंत्री ने इस घटना को न केवल गंभीरता से लिया, बल्कि एक अभिभावक की तरह संवेदनशील कदम उठाते हुए बच्ची के संपूर्ण लालन-पालन, शिक्षा और भविष्य के निर्माण की जिम्मेदारी अपने कंधों पर ले ली है। यह निर्णय केवल एक बच्ची की जिंदगी संवारने का नहीं, बल्कि लाखों प्रदेशवासियों को यह भरोसा देने का प्रतीक है कि उनका नेता उनके दुख में उनके साथ खड़ा है।हर तरफ हो रही चर्चा
मुख्यमंत्री साय ने प्रशासन को निर्देश दिए हैं कि बच्ची की शिक्षा किसी भी स्तर पर बाधित न हो, उसके रहने-खाने की व्यवस्था सम्मानजनक और सुरक्षित हो तथा आगे चलकर जब वह आत्मनिर्भर हो, तब तक उसे हर वो सहयोग मिले जिसकी उसे जरूरत हो। मुख्यमंत्री की इस पहल की हर तरफ सराहना हो रही है, क्योंकि उन्होंने केवल सहायता का ऐलान नहीं किया, बल्कि इस मदद को एक स्थायी व्यवस्था के रूप में सुनिश्चित करने का भरोसा दिया।
सियासत केवल मंचों पर भाषण देने का नाम नहीं है
यह घटना एक उदाहरण बन गई है कि सियासत केवल मंचों पर भाषण देने का नाम नहीं है, बल्कि असली नेतृत्व वह होता है जो जमीनी हकीकत में संवेदनाओं को समझे और कार्य में उतारे। मुख्यमंत्री साय का यह कदम एक नेता के रूप में नहीं, बल्कि एक अभिभावक, एक संरक्षक और एक संवेदनशील इंसान के रूप में उन्हें स्थापित करता है।ट्रिपल मर्डर में ज्योति ने अपनों को खोया
आपको बता दें कि जशपुर के तपकरा में पिछले महीने हुए ट्रिपल मर्डर ने पूरे क्षेत्र को झकझोर कर रख दिया था। इस दुखद घटना में ज्योति ठाकुर ने अपनी मां, 14 वर्षीय बहन और 2 वर्षीय छोटे भाई को खो दिया। बता दें कि पति से तलाक के बाद अलग रह रही ज्योति की मां और उसके भाई-बहन की निर्मम हत्या कर शवों को उतियाल नदी के रेत में दबा दिया गया था।CM विष्णुदेव साय: सेवा, संवेदना और संकल्प का चेहरा
छत्तीसगढ़ की राजनीति में एक नया अध्याय तब जुड़ा, जब विष्णुदेव साय ने प्रदेश के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। यह केवल एक सत्ता परिवर्तन नहीं था, बल्कि जनता से जुड़ाव, ईमानदारी और सेवा भाव से ओतप्रोत नेतृत्व की शुरुआत थी। विष्णुदेव साय का व्यक्तित्व और कद इस बात का प्रतीक है कि राजनीति में भी सादगी, संवेदनशीलता और संकल्प के साथ बदलाव लाया जा सकता है।
जानें मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय का राजनीतिक जीवन
CM विष्णुदेव साय (CM Vishnu Deo Sai) का जन्म जशपुर जिले के एक सामान्य आदिवासी परिवार में हुआ। उन्होंने राजनीति का ककहरा ज़मीनी स्तर से सीखा और जनता से जुड़ाव कभी नहीं छोड़ा। उनकी राजनीति केवल पद पाने की नहीं, समाज की सेवा करने की भावना से प्रेरित रही है।1990-98: सदस्य, मध्य प्रदेश विधान सभा (दो कार्यकाल)
1999: 13वीं लोकसभा के लिए चुने गए
1999-2000: सदस्य, सदन की बैठकों से सदस्यों की अनुपस्थिति संबंधी समिति और सदस्य, खाद्य, नागरिक आपूर्ति और सार्वजनिक वितरण समिति
2000-2004: सदस्य, सलाहकार समिति, कृषि मंत्रालय
2004: 14वीं लोकसभा के लिए पुनः निर्वाचित (दूसरा कार्यकाल), सूचना प्रौद्योगिकी समिति के सदस्य
5 अगस्त 2007: सदस्य, जल संसाधन समिति
2009: 15वीं लोकसभा के लिए पुनः निर्वाचित (तीसरा कार्यकाल)
31 अगस्त 2009: सदस्य, वाणिज्य समिति
2014: 16वीं लोकसभा के लिए फिर से निर्वाचित (चौथा कार्यकाल)
9 नवंबर 2014: केंद्रीय खान, इस्पात राज्य मंत्री
5 जुलाई 2016: केंद्रीय राज्य मंत्री, इस्पात मंत्रालय
3 दिसंबर 2023: सदस्य, छत्तीसगढ़ विधान सभा
10 दिसंबर 2023: छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री।