बायोसा माता मंदिर विवाद को लेकर आमरण अनशन पर बैठे कथावाचक अभयदास महाराज का अनशन शनिवार को समाप्त हो गया। राजस्थान सरकार के कैबिनेट मंत्री जोराराम कुमावत जालौर पहुंचे और प्रशासन के साथ चर्चा के बाद महाराज की तीन प्रमुख मांगों पर सहमति बनने के बाद उन्हें नारियल पानी पिलाकर अनशन तुड़वाया। इसके बाद मंत्री कुमावत के साथ अभयदास महाराज बायोसा माता मंदिर दर्शन के लिए रवाना हुए।
इससे पहले उन्होंने मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा से हस्तक्षेप की गुहार लगाते हुए जालोर के पुलिस अधीक्षक (एसपी), कलेक्टर (डीएम) और डिप्टी को तुरंत निलंबित करने की मांग की थी। साथ ही, मंदिर के आसपास के अतिक्रमण हटाने और मामले की उच्चस्तरीय जांच की मांग भी उठाई थी।
CM से की थी सख्त कार्रवाई की मांग
अभयदास महाराज ने देर रात एक वीडियो संदेश जारी कर कहा था कि शनिवार को मैं फिर बायोसा माता मंदिर के दर्शन के लिए जाऊंगा। यदि प्रशासन ने मुझे रोका तो मैं लाखों समर्थकों के साथ जालोर किले पर मंदिर पहुंचूंगा। उन्होंने दावा किया था कि प्रशासन ने बिना किसी वैध कारण के उन्हें मंदिर में प्रवेश से रोका और पुलिसकर्मियों ने उनके साथ धक्का-मुक्की की, जिससे उनकी धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंची। महाराज ने कहा कि था हम साधु-संत हमेशा आपके साथ हैं, लेकिन मुझे अपनों से ही लड़ना पड़ रहा है। यह दुखद है। महाराज ने अपने वीडियो में सीएम भजनलाल से अपील की कि वह इस मामले में तुरंत हस्तक्षेप करें ताकि साधु-संतों और आम लोगों की धार्मिक भावनाओं का सम्मान हो।
क्या है पूरा विवाद?
बता दें, यह विवाद श्रावण मास के दौरान जालोर में आयोजित समरसता चातुर्मास महोत्सव के दौरान शुरू हुआ, जिसमें तखतगढ़ धाम भारत माता मंदिर के संत अभयदास महाराज शामिल हुए थे। उन्होंने बायोसा माता मंदिर में दर्शन करने की इच्छा जताई, लेकिन प्रशासन ने कथित तौर पर उन्हें रोक दिया। महाराज का आरोप है कि इस घटना में जालोर के कुछ बीजेपी कार्यकर्ताओं और स्थानीय नेताओं का भी हाथ है। उन्होंने यह भी दावा किया कि प्रशासन शुरू में उनके साथ था, लेकिन बाद में स्थिति बदल गई।
अतिक्रमण को हटाने की भी मांग की
अभयदास महाराज ने अपनी मांगों को स्पष्ट करते हुए कहा था कि जालोर एसपी, डीएम और डिप्टी को निलंबित कर पूरे मामले की उच्चस्तरीय जांच होनी चाहिए। उन्होंने मंदिर के आसपास के अतिक्रमण को हटाने की भी मांग की। उनके समर्थकों ने रातभर जालोर में प्रदर्शन किया और शनिवार सुबह तक उनका कूच जारी रहा। इस घटना ने स्थानीय स्तर पर तनाव बढ़ा दिया है। वहीं, सोशल मीडिया पर भी यह मुद्दा चर्चा का विषय बना हुआ है।