इस बीच कांग्रेस विधायक हरीश चौधरी ने 19 जुलाई को सर्वधर्म प्रार्थना सभा और गांधी-राम धुन के लिए अनुमति मांगी है। वहीं, शिव विधायक रविंद्र सिंह भाटी ने इस पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा, इनको जाने दीजिए ताकि सच्चाई सामने आ सके कि इनकी दुकान नफरत की है या कुछ और।
भाटी ने बेनीवाल पर साधा निशाना
विधायक रविंद्र सिंह भाटी ने बिना नाम लिए कांग्रेस नेता हरीश चौधरी और सांसद उम्मेदाराम बेनीवाल पर निशाना साधा। कहा कि जैसे ही सांसद सक्रिय हुए, पूर्व मंत्री को लगा कि उनकी राजनीतिक जमीन खिसक रही है, इसलिए अब ये सब किया जा रहा है।
‘अल्पसंख्यक समुदाय का राजनीतिक इस्तेमाल’
विधायक ने यह भी आरोप लगाया कि अल्पसंख्यक समुदाय का राजनीतिक इस्तेमाल किया जा रहा है। उन्होंने समुदाय से अपील की कि वे अपने ‘असली दुश्मनों’ को पहचानें और विचार करें कि कौन उनकी लीडरशिप को खत्म करना चाहता है। भाटी ने कहा कि अल्पसंख्यक समुदाय के वरिष्ठ नेता अमीन खान को भी पहले तीन घंटे तक इंतजार करवाया गया था और जयपुर से आए नेताओं का रूट तक डायवर्ट करवा दिया गया था।
ऐतिहासिक छतरियों का क्या है विवाद
बासनपीर गांव के तालाब किनारे मौजूद ऐतिहासिक छतरियों के पुनर्निर्माण को लेकर 6 साल से विवाद चल रहा है। साल 2019 में एक शिक्षक द्वारा सफाई के दौरान कुछ छतरियों को तोड़ने से मामला भड़का था। इसके बाद ‘झुंझार धरोहर बचाओ संघर्ष समिति’ ने आंदोलन छेड़ दिया।
साल 2021 में प्रशासन की मध्यस्थता से निर्माण कार्य शुरू हुआ, लेकिन तनाव के कारण उसे रोकना पड़ा। 10 जुलाई 2024 को दोबारा जब निर्माण शुरू हुआ तो विरोधियों ने पथराव कर दिया, महिलाओं तक ने पत्थर फेंके। गाड़ियों में तोड़फोड़ हुई और गांव में तनाव फैल गया।
बता दें कि पुलिस ने अब तक 22 लोगों को गिरफ्तार किया है। वहीं, बीजेपी विधायक महंत प्रताप पुरी और शिव विधायक भाटी ने स्थल पर पहुंचकर भजन-कीर्तन किया और निर्माण कार्य का समर्थन जताया।