बता दें कि पहले यह राशि 1 लाख रुपए थी, जिसे मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने 12 मार्च 2025 को बजट चर्चा के दौरान बढ़ाने की घोषणा की थी। यह योजना 1 अगस्त 2024 से पूरे राजस्थान में लागू हुई। बालिका को यह राशि सात किश्तों में सीधे बैंक खाते में डीबीटी (डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर) के जरिए दी जाएगी।
पहली छह किश्तें माता-पिता के खाते में और अंतिम किश्त बालिका के खाते में तब मिलेगी जब वह स्नातक की पढ़ाई पूरी कर 21 साल की उम्र पूरी कर लेगी। बताते चलें कि मुख्यमंत्री राजश्री योजना की शुरुआत 1 जून 2016 को की गई थी। इस योजना का लाभ राज्य की उन सभी बालिकाओं को मिल रहा है, जिनका जन्म 1 जून 2016 के बाद हुआ है। योजना का संचालन महिला अधिकारिता विभाग करेगा और हर तीन महीने में कलेक्टर इसकी समीक्षा करेंगे।
इस प्रकार सात किश्तों में मिलेगा पैसा
जन्म के समय- 2,500
एक साल की उम्र और टीकाकरण पूरा होने पर- 2,500
पहली कक्षा में प्रवेश पर- 4,000
छठी कक्षा में प्रवेश पर- 5,000
दसवीं कक्षा में प्रवेश पर- 11,000
बारहवीं कक्षा में प्रवेश पर- 25,000
स्नातक उत्तीर्ण और 21 वर्ष की आयु पूरी होने पर- 1,00,000
योजना के क्या हैं उद्देश्य
-बेटियों की शिक्षा को बढ़ावा देना।
-उनके स्वास्थ्य और सामाजिक दर्जे को बेहतर बनाना।
-समाज में बेटियों को लेकर सकारात्मक सोच पैदा करना।
-बाल विवाह और लिंगभेद जैसी कुरीतियों पर लगाम लगाना।
क्या है पात्रता
-बालिका राजस्थान की निवासी होनी चाहिए।
-जन्म 1 जून 2016 या उसके बाद होना चाहिए।
-जन्म किसी JSY पंजीकृत सरकारी या निजी अस्पताल में हुआ हो।
-अधिकतम दो बेटियों को ही लाभ मिलेगा।
-माता-पिता के पास आधार और भामाशाह कार्ड होना जरूरी।
आवेदन कैसे करें
-आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और आशा सहयोगिनी गर्भवती महिलाओं की जानकारी जुटाकर नजदीकी अस्पताल को देंगी।
-सभी विवरण RCH रजिस्टर में दर्ज कर, PCTS पोर्टल पर ऑनलाइन एंट्री की जाएगी।
-जिनके पास भामाशाह कार्ड नहीं है, उन्हें ई-मित्र केंद्र से बनवाने के लिए प्रेरित किया जाएगा।
-दस्तावेजों की जांच के बाद किश्तें दी जाएंगी।
ये रहे जरूरी दस्तावेज
-माता-पिता का आधार और भामाशाह कार्ड।
-बालिका का आधार कार्ड और जन्म प्रमाण पत्र।
-स्कूल प्रवेश प्रमाण पत्र।
-12वीं की मार्कशीट (अगर लागू हो)।
-मोबाइल नंबर और पासपोर्ट साइज फोटो