Raksha Bandhan 2025: 297 साल बाद ऐसा संयोग
ज्योतिषीय गणनाओं के अनुसार, ऐसा अद्भुत संयोग अंतिम बार 1728 में बना था। इस वर्ष भी उसी प्रकार ग्रहों की स्थिति रह रही है। सूर्य कर्क, चंद्रमा मकर, मंगल कन्या, बुध: कर्क, गुरु व शुक्र मिथुन, राहु कुंभ, केतु सिंह राशि में स्थित रहेंगे। इस संयोग को शुभता का प्रतीक माना जा रहा है और माना जा रहा है कि इस दिन किया गया रक्षा-सूत्र बंधन दीर्घकालिक सुख, समृद्धि और भाई-बहन के रिश्ते में मजबूती लाएगा।
दिनभर बांधी जा सकेगी राखी
ज्योतिषाचार्य पं. दिनेश दास के अनुसार, इस बार भद्रा का प्रभाव पूरी तरह समाप्त रहेगा। राखी बांधने का शुभ मुहूर्त सुबह 5 बजकर 47 मिनट से दोपहर 1 बजकर 24 मिनट तक रहेगा। चूंकि भद्राकाल सूर्योदय से पहले ही समाप्त हो जाएगा, इसलिए इस बार बहनें दिनभर बिना किसी बाधा के अपने भाइयों की कलाई पर राखी बांध सकेंगी।
तीन शुभ योगों का संयोग
रक्षाबंधन के दिन शोभन योग, रवि योग, सर्वार्थ सिद्धि योग और श्रवण नक्षत्र का संगम हो रहा है। शोभन योग शुभता और सुंदरता का प्रतीक माना जाता है। रवि योग हर कार्य में सफलता और समृद्धि दिलाने वाला होता है। श्रवण नक्षत्र और सर्वार्थ सिद्धि योग विशेष रूप से शुभ कार्यों में सफलता देने वाला है।