बजट में स्वीकृत 32 करोड़
प्रदेश शासन ने इस प्रोजेक्ट के लिए 32 करोड़ रुपए स्वीकृत किए हैं। लेकिन, सड़क दोहरीकरण, रेलवे लाइन पर ओवरब्रिज बनाने में स्वीकृत राशि कम पड़ेगी। इसलिए पूर्व निर्धारित बजट का पुनर्निधारण किया जा रहा है। निर्माण एजेंसी लोक निर्माण विभाग प्रोजेक्ट की डीपीआर तैयार करा रही है।
विकास को मिलेगी गति
गौरीघाट रेलवे स्टेशन बनने के बाद से भटौली-तिलहरी क्षेत्र में नई कॉलोनियां बन रही हैं। ऐसे में इस मार्ग का दोहरीकरण होने पर क्षेत्र में विकास को गति मिलेगी। निवेश के लिए लोग आगे आएंगे। नर्मदा के अन्य तटों पर भी पहुंच सुगम होने से गौरीघाट मुख्य तट पर भीड़ कुछ कम होगी।
वन-वे के लिए बेहतर विकल्प
गणेशोत्सव, दशहरा के बाद प्रतिमा विसर्जन के दौरान, नर्मदा जन्मोत्सव, मकर संक्राति, कार्तिक पूर्णिमा, वैशाख पूर्णिमा, अमावस्या जैसी विशेष तिथियों पर पर लाखों श्रद्धालु गौरीघाट पहुंचते हैं। ऐसे में गोरखपुर-गौरीघाट मार्ग यातायात का दबाव बढ़ जाता है। भटौली-तिलहरी मार्ग से श्रद्धालुओं के शहर वापसी के लिए डायवर्सन देने पर सिंगल लाइन मार्ग होने के कारण वहां भी जाम लगता है। रेल फाटक के पास तो लंबा जाम लगता है।