शुरुआत में यह नियम केंद्र सरकार के अधीन आने वाले संस्थानों और फाइव स्टार होटलों में लागू किया जा रहा है, लेकिन आने वाले समय में इसे शहर के अन्य होटलों और खानपान की दुकानों तक भी विस्तार दिया जा सकता है। इंदौर होटल एसोसिएशन ने कहा कि एडवायजरी आने पर सभी होटलों में इसका पालन किया जाएगा। मामले में चर्चा कर निर्णय लिया जाएगा।
कुछ नियमों को सरल बनाने की करेंगे मांग
एसोसिएशन ने कहा, इस नियम के बेहतर और व्यावहारिक क्रियान्वयन के लिए कमेटी चर्चा करेगी कि कैसे एक स्टैंडर्ड निर्धारण किया जाए, क्योंकि जैसे नमक की मात्रा मैन्युअल तरीके से तय होती है, उस पर नियंत्रण रखना कठिन हो सकता है। एसोसिएशन ने यह भी कहा कि कुछ नियमों को सरल बनाने की मांग मंत्रालय से की जाएगी। शहर में नमकीन-मिठाई एसोसिएशन के 300 रजिस्टर्ड सदस्य हैं। इनमें कई नामी संस्थान हैं। खानपान की शुद्धता प्रमाणित भी करवा चुके हैं। एसोसिएशन पदाधिकारियों ने बताया 300 के अलावा अन्य संस्थान भी हैं, जो रजिस्टर्ड नहीं हैं। ऐसे करीब 500 होंगे। यह किन-किन पर लागू होगा, जिसकी एडवायजरी भी आना बाकी है। सदस्यों ने बताया, शासन स्तर पर रेगुलेशन मजबूत होनी चाहिए। शुद्धता के नियमों का सभी पालन कर रहे हैं। समोसे व जलेबी की सिगरेट से तुलना करना गलत है। भारत के सबसे बड़े ब्रांड नमकीन व मिठाइयां हैं, जो पारंपरिक रूप से बन रहे हैं।
बच्चों में फैटी लीवर बीमारी का खतरा बढ़ा
फैटी लीवर की बीमारी के दो प्रमुख प्रकार होते हैं। नॉन-अल्कोहॉलिक फैटी लिवर और अल्कोहलिक फैटी लिवर। नॉन अल्कोहलिक फैटी लिवर का कारण जीवनशैली और खानपान में बदलाव है। यह बीमारी युवाओं व बच्चों में आम वजह बन चुकी है। फैटी लिवर तब होता है जब लिवर में वसा जम जाती है।
डॉ. अमित अग्रवाल, सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल
ऑल इंडिया एसोसिएशन स्तर पर चर्चा करेंगे
अभी यह नियम सभी के लिए नहीं आया है। नमकीन के पैकेट पर जानकारी पहले से ही लिखी होती है। यह ताजी व फ्रेज कुछ सामग्री के कंटेंट को बोर्ड पर प्रदर्शन को लेकर है। कचोरी, समोसे व जलेबी हाईलाइट ज्यादा हो रही हैं, लेकिन यह अन्य सभी के लिए भी है। कानून बन जाता है तो इसका पालन करना ही है। अभी ऑल इंडिया एसोसिएशन स्तर पर चर्चा होगी। -अनुराग बोथरा, सचिव नमकीन-मिठाई एसो. होटल्स-रेस्टोरेंट के मैन्यू में कैलोरी कंटेंट लिखा जाएगा। कई फाइव स्टार होटल्स हैं, जो मैन्यू में कैलोरी व कंटेंट लिख रहे हैं। एक बार हम रिव्यू कमेटी के सामने बैठकर इस पर मंथन करेंगे। इंदौर में प्रसिद्ध कचोरी-समोसे की दुकानें हाइजेनिक हैं। प्रोडक्ट के लिए स्टैंडर्ड मानक तय हो। एसोसिएशन के तहत 150 होटल हैं। सरकार के नियमों का पालन सभी करेंगे। – सुमित सूरी, अध्यक्ष, इंदौर होटल इंडस्ट्री एसो.